लाभार्थी पिता की मौत के बाद वारिस ले सकेंगे पीएम किसान का लाभ

आवेदन के पहले पैतृक भूमि में तहसील में कराना होगा वरासत

प्रधानमंत्री किसान योजना के लाभार्थी किसान की मौत के बाद वरासत के जरिए कृषि योग्य भूमि का मालिकाना हक रखने वाले उसके वारिस योजना का लाभ ले सकेंगे। लाभ उठाने के लिए पीएम किसान पोर्टल पर आवेदन करना होगा।
लेकिन एक फरवरी 2019 के बाद योजना का लाभार्थी किसान सेल डीड, बंटवारा, गिफ्ट डीड या किसी अन्य तरीके किसी को कृषि योग्य भूमि का स्वामित्व किसी को प्रदान करता हो तो वह व्यक्ति इस योजना के अंतर्गत आवेदन नहीं कर सकेगा। इसके लिए उसे अगले 5 साल यानी 2024 तक इंतजार करना पड़ेगा। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना एक दिसंबर, 2018 को लागू की गई थी। पहले इस योजना में छोटे और सीमांत किसानों को शामिल किया गया था। बाद में इस योजना को सभी किसानों के लिए लागू कर दिया गया।
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योजना की शर्तो के मुताबिक जिन लोगों का नाम 1 फरवरी 2019 तक लैंड रिकॉर्ड्स में पाया जाएगा, वे ही इस योजना का लाभ पाने के हकदार होंगे। उसके बाद लैंड रिकॉर्ड्स में हुए बदलाव के जरिए जमीन के नए मालिक बने किसानों को अगले पांच वर्षों तक योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा। योजना के प्रावधानों के तहत उत्तराधिकार के कारण कृषि योग्य भूमि के मालिकाना हक में 1 फरवरी की समय सीमा के बाद हुए बदलाव के बावजूद योजना का लाभ मिलेगा। लेकिन जमीन खरीद के मामले में अगले पांच वर्षों तक सालाना 6,000 रुपये का लाभ नहीं मिलेगा। संयुक्त कृषि निदेशक डॉ. ओमबीर सिंह का कहना है कि ऐसे लोग 30 जनवरी 2024 के बाद इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
इन लोगों को नहीं मिलेगा फायदा

भूतपूर्व या वर्तमान में संवैधानिक पद धारक, पूर्व या वर्तमान जनप्रतिनिधि, केंद्र या राज्य सरकार में अधिकारी एवं 10 हजार से अधिक पेंशन पाने वाले किसानों इस योजना का लाभ नहीं ले सकते हैं। इसके अलावा पेशेवर, डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, वकील, आर्किटेक्ट, भले ही खेती भी करते हो, योजना का लाभ नहीं ले सकते हैं। पिछले वित्तीय वर्ष में इनकम टैक्स का भुगतान करने वाले इस लाभ से वंचित होंगे।
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