अविवाहित शिक्षिका को दे दिया मातृत्व, बाल्यकाल देखभाल अवकाश!

जिम्मेदारों का कारनामा

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यूपी के अधिकारी कुछ भी कर सकते हैं। बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत एक अविवाहित शिक्षिका को विभाग ने मातृत्व अवकाश के साथ बाल्याकाल देखभाल अवकाश दे दिया है। यही नहीं पैंतालिस दिन का गर्भपात अवकाश तक स्वीकृत कर दिया गया है। आश्चर्यजनक तरीके से सभी छुट्टियां मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज कर दी गई हैं। विभाग की यह कारगुजारियां यहीं कम नहीं होती, कई विवाहित शिक्षिकाओं का भी विभाग ने बिना अवकाश लिए पोर्टल पर अवकाश दर्ज कर दिया है।
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विभाग की इस कारगुजारी की शिकार कसया क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय डुमरी में तैनात अविवाहित शिक्षिका किरनलता हुई है। इसी विद्यालय पर कार्यरत विवाहित शिक्षिका शिल्पी, जूनियर हाईस्कूल डुमरी की विवाहित शिक्षिका विभा एवं भिखारी चैर प्राथमिक विद्यालय की विवाहित शिक्षका प्रियंका श्रीवास्तव की छुट्टियां बिना अवकाश लिए पोर्टल पर दर्ज कर दी गई है।
किरन लता की प्रथम नियुक्ति 9 नवंबर 2015 है। विभाग ने उनके सर्विस काल की सभी छुट्टियां मसलन मातत्व, बाल्याकाल देखभाल, गर्भपात व मेडिकल अवकाश आदि विभाग के मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज की है। शिल्पी का पोर्टल पर 365 दिन का मेडिकल लीव शो कर रहा है। जबकि वह पूरे समय ड्यूटी पर रही है।
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मामला तब उजागर हुआ जब शिक्षिका किरनलता अवकाश लेने के लिए आवेदन की। पोर्टल पर कोई अवकाश शेष नहीं होने के कारण स्वीकृत नहीं हुआ तो बात खुली। इसके बाद बरती गई अनियमितता परत दर परत खुलती चली गई। विभाग के इस त्रुटि के चलते शिक्षिकाएं परेशान हैं। उन्होंने विभाग में सुधार के लिए आवेदन भी किया है। विभागीय कर्मचारी शिक्षिकाओं के अवकाश के बावत सामने आई बड़ी त्रुटि को मात्र एक भूल मानकर भूल जाने की सलाह दे रहे हैं। कर्मचारी अपनी गर्दन बचाने के लिए त्रुटि सुधार की कार्रवाई में लगे हैं। विभाग के अधिकारी इस कारगुजारी से अभी अपने को अंजान बता रहे हैं। दूसरी ओर जिन शिक्षक व शिक्षिकाओं का अवकाश गलत ढंग से विभाग के पोर्टल पर दर्ज किया गया है। वे इसे लेकर काफी परेशान हैं। आशंका जताई जा रही है कि अभी अनेक अविवाहित शिक्षिकाएं विभाग की इस कारगुजारी का शिकार हुई हो सकती हैं।
उधर, इस पूरे प्रकरण से जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी खुद को बेखबर बताते हैं। उनका कहना है कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा हुआ है तो यह बड़ी त्रुटि है। मैं तत्काल इसकी जांच का आदेश दे रहा हूं।
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