घर वापसी की राह देख रहे है राजस्थान से बाहर अन्य प्रदेशों में फंसे मजदूर

कुचामनसिटी. लॉक डाउन समाप्ति में अब मात्र दो दिन शेष है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए लॉक डाउन आगे भी बढऩे की भी संभावना है। लेकिन कुचामन शहर आसपास के सैकड़ों लोग ऐसे है जो राजस्थान के बाहर अन्य प्रदेशों में फंसे हुए है। उनकों अब घर वापसी की चिंता सता रही है।

<p>कुचामनसिटी. राजस्थान से बाहर उतराखण्ड के हल्द्वानी व नैनीताल में रुके हुए मजदूरों की सूची।</p>
– प्रशासन की ओर से एकत्रित की जा रही है राजस्थान से बाहर रुके हुए लोगों की जानकारियां
राजस्थान से बाहर फंसे लोगों की इस बात की आशा है कि शीघ्र ही राजस्थान में लॉक डाउन खत्म होने के बाद वे घर जा सकेंगे। गौरतलब है कि कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 मार्च को एक दिन का जनता कफ्र्यू का आह्वान किया था। जिसके बाद काफी मजदूर अपने प्रदेशों को लौटने लगे, लेकिन इसी दौरान ट्रेन और बस सेवा बंद कर दी गई और 24 तारीख को लॉक डाउन पूरे देश में लागू हो गया। चौबीस मार्च की रात 12 बजे से 21 दिनों के लिए पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि लॉक डाउन से देश को अरबों रुपए का नुकसान होगा, लेकिन हर देशवासी की जान बचाने के लिए ये जरूरी है। प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद जहां लोग थे, वहीं उन परिस्थितियों में 21 दिनों के लिए ठहर गए। लेकिन अब उन्हें घर आने की खासा चिंता सता रही है।
आना चाहते है घर, हमारी मदद कीजिए
कुचामन शहर सहित आसपास के करीब 55 लोग उतराखंण्ड के हल्द्वानी व नैनीताल में फंसे हुए है। इन जगहों पर फंसे लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए राजस्थान सरकार से मदद मांग रहे है। यहां पर फंसे हुए लोग कह रहे है कि सरकार के द्वारा लागू किए गए लॉक डाउन का हम स्वागत करते है, लेकिन हमारी पूर्ण जांच करवाने के बाद राजस्थान में लाने की कोई सुविधा होनी चाहिए। ताकि पिछले कई दिनों से चिंताग्रस्त परिवारजनों से मिल सके। परिवार के लोग भी बार-बार फोन पर हालचाल पूछ रहे है। उतराखण्ड के हल्द्वानी व नैनीताल में कुचामन क्षेत्र के करीब 55 से ज्यादा लोग लॉक डाउन में अटके हुए है। वहां पर रुके लोगों ने सूची बनाकर राजस्थान पत्रिका के पास भेजकर मदद की गुहार लगाई है। ताकि जल्द ही घर वापसी हो सके।
संकट ऐसा की कुछ काम भी नहीं कर सकते
कुचामन शहर सहित आसपास ग्रामीण क्षेत्रों के लोग अपने परिवार का पालन पोषण करने एवं कमाने के लिए अन्य प्रदेशों में गए हुए है। लेकिन लॉक डाउन के चलते दूसरे राज्यों में काम कर रहे कुचामन के दिहाड़ी मजदूरों के सामने संकट खड़ा हो गया है। इन मजदूरों के पास काम नहीं है। ट्रेन और बस समेत सभी परिवहन सेवाएं बंद होने के बाद अब घर वापसी का भी कोई विकल्प नहीं बचा है, वहीं बंदी की वजह से खाने-पीने के लिए वे दूसरों पर निर्भर हैं। राजस्थान से बाहर उतराखण्ड, हल्द्वानी, नैनीताल, महाराष्ट्र, वाराणसी, आगरा, कटनी, श्रीनगर सहित कई जगहों पर फंसे कुचामन के लोगों का कहना है कि उनके पास जो मजदूरी से कमाए हुए पैसे थे, वो खत्म हो चुके हैं और खाने-पीने के लिए भी कुछ नहीं बचा है। ऐसे में वे अपने घर वापिस जाना चाहते हैं, ताकि अपने परिवार के साथ रह सके।
एकत्रित किए जा रहे आंकड़े
इस सम्बध में उपखण्ड अधिकारी बाबूलाल जाट ने बताया कि कुचामन या उपखण्ड क्षेत्र के लोग जो राजस्थान से बाहर फंसे हुए है या लॉक डाउन की वजह से रुके हुए है उन लोगों की जानकारियां एकत्रित की जा रही है। एसडीएम जाट ने बताया कि बाहर रुके हुए लोगों की जानकारियां जिला कलक्टर के पास भेजी जा रही है। जिला कलक्टर के द्वारा राज्य सरकार के पास जाएगी। उन्होंने बताया कि कुचामन उपखण्ड के करीब 200 लोगों की जानकारियां एकत्रित कर ली गई है।
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इनका कहना है
राज्य सरकार को लिखा जाएगा
सम्पूर्ण देश में इस समय लॉक डाउन नियम लागू है, लेकिन राजस्थान के लोग जो बाहर फंसे हुए है उनके लिए भोजन व रहने को लेकर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। बाहर फंसे हुए लोगों को राजस्थान लाने के लिए राज्य सरकार को अवगत कराया जाएगा।
महेन्द्र चौधरी
उपमुख्य सचेतक, राजस्थान सरकार
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राजस्थान से बाहर रुके हुए लोगों की बनाई जा रही सूची
कुचामन उपखण्ड क्षेत्र के लोग जो राजस्थान से बाहर विभिन्न जगहों पर फंसे हुए है या रुके हुए है उनकी जानकारियां एकत्रित की जा रही है। शीघ्र ही राज्य सरकार की ओर कोई निर्णय लेने के बाद उन्हें घर वापसी की कार्यवाही की जाएगी।
बाबूलाल जाट
उपखण्ड अधिकारी, कुचामन सिटी
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