50 लाख का ईंधन फूंक रहा था कुचामन, अब महज 7 लाख में सिमटा
हेमन्त जोशी. कुचामनसिटी.
शिक्षा नगरी के रुप में उभर कर विकास में अग्रणी शहर कुचामन में अब चहुंओर सन्नाटा पसरा हुआ है। जिसका बड़ा असर ईंधन की खपत में भी पड़ा है। पहले जहां प्रतिदिन 50 लाख रुपए के डीजल, पैट्रोल की खपत हो रही थी वहीं अब महज 7 लाख रुपए की खपत हो रही है।
<p>कुचामन के एक पैट्रोल पम्प में ठाले बैठे सेल्सेमैन।</p>
कोरोना संक्रमण का बड़ा असर ईंधन की खपत पर भी आया है। जिससे एक ओर सरकार को मिलने वाले टैक्स में बड़ी गिरावट हो रही है वहीं दूसरी ओर पैट्रोल पम्प संचालकों की आय भी प्रभावित हो रही है। दरअसर पैट्रेाल-डीजल व गैस आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंंतर्गत आते है और इसलिए इन्हें खोलने की छूट दी हुई है। लेकिन छूट के बावजूद इनके यहां महज एकाध वाहन ही ईंधन लेने पहुंच रहे है। निजी क्षेत्र के सभी वाहनों के साथ ही स्कूली समेत औद्योगिक वाहन भी थम गए है। जिससे ईंधन की खपत घटी है। आम जन के निजी वाहन भी घरों में खड़े है। वाहनों की आवाजाही बंद होने से वातावरण भी शुद्ध हुआ है।
सरकार को बड़ा राजस्व घाटा-
राजकोष में प्रतिदिन पैट्रोल-डीजल पर लगाए जाने वाले टैक्स से अरबों रुपयों की आय होती है लेकिन लॉकडाउन के बाद ईंधन की खपत कम होने से राजकोषीय घाटा भी बढा है। यहां शहरी क्षेत्र में 10 पैट्रोल पम्प है, जहां पहले औसत 40 हजार लीटर ईंधन की खपत हो रही थी। वहीं अब यह खपत महज 5 हजार लीटर की रह गई है। जबकि ग्रामीण क्षेत्र की बात की जाए तो ग्रामीण क्षेत्र में करीब 18 पैट्रोल पम्प है। जहां की खपत 50 हजार लीटर ईंधन हो रही थी जो अब घटकर महज 5 हजार लीटर रह गई है।
स्कूली बसों का होता है अधिक संचालन- कुचामन शहरी क्षेत्र में यदि बात की जाए तो स्कूली बसों की संख्या ही सौ से अधिक है, जो प्रतिदिन क्षेत्र के गांवों से स्कूली बच्चों को लाने ले जाने के कार्य में चलती थी जो अब बंद हो गई है, वहीं दूसरी ओर गांवों में ट्रेक्टरों व डीजल पंप से होने वाली ईंधन की खपत भी अब कम हो गई है। हालांकि गांवों में अब फसल कटाई के चलते ट्रेक्टर, थ्रेसर मशीनों के संचालन के चलते शहरी क्षेत्र से अधिक ईंधन की खपत हो रही है।
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इनका कहना-
लॉकडाउन के कारण ईंधन की खपत में बड़ी गिरावट आई है। आवश्यक सेवाओं के अलावा सरकारी गाडिय़ों में ही तेल की खपत हो रही है। इससे पैट्रोल-डीजल की बिक्री में कमी हुई है।
नन्दकिशोर अग्रवाल
पैट्रोल पम्प संचालक