कुचामन शहर

ऐसे है कर्मवीर, पूरे शरीर को ढकते है तीन परतों में, उसके बाद करते है ड्यूटी

कुचामनसिटी. देश के दूसरे नम्बर पर शुमार चण्डीगढ़ के चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान में वैसे तो हजारों चिकित्सकीय कर्मचारी इस समय कोरोना कर्मवीर बनकर कोरोना संक्रमणित मरीजों की सेवा कर रहे है।

कुचामन शहरApr 19, 2020 / 03:10 pm

Hemant Joshi

कुचामनसिटी. नर्सिंग अधिकारी जगदीश रणवां जो कोरोना आईसीयू में जाने से पूर्व इस तरह से पूरी शरीर को तीन परतों में ढकते है।

कुचामनसिटी. देश के दूसरे नम्बर पर शुमार चण्डीगढ़ के चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान में वैसे तो हजारों चिकित्सकीय कर्मचारी इस समय कोरोना कर्मवीर बनकर कोरोना संक्रमणित मरीजों की सेवा कर रहे है। उनमें एक कर्मचारी कुचामन शहर के निकटवर्ती ग्राम राणासर के जगदीश रणवां (नर्सिंग अधिकारी) भी शामिल है। जो दिन-रात एक करके इस समय घर-परिवारजनों से दूर रहकर मरीजों की सेवा कर रहे है। नर्सिंग अधिकारी रणवां इस समय चण्डीगढ़ के इस संस्थान में कोरोना आईसीयू में कार्यरत है। नर्सिंग अधिकारी रणवां किन परिस्थितियों में कार्य कर रहे है, उन्होंने अनुभव भी साझा किए है। कोरोना के कर्मवीर जगदीश रणवां इस तरह के कर्मवीर है जो पूरे शरीर को तीन परतों में ढककर, उसके बाद सात घण्टे की लम्बी जोखिम भरी ड्यूटी करते है। साथ ही कुचामन शहर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए जागरुकता का संदेश भी दिया है। ताकि हम सभी मिलकर कोरोना को हरा सके।
पहले ही मिल गए थे संकेत, पत्नी व बेटी को भेजा घर
देश में कोरोना संक्रमण की आहट होते ही इस संस्थान के सभी कर्मचारियों को भी पहले ही संकेत दे दिए गए थे। ऐसे में नर्सिंग अधिकारी रणवां भी अपना कर्तव्य बखूबी निभा सके इसलिए उन्होंने 20 मार्च को ही अपनी पत्नी सरिता रणवां व बेटी प्रीतिका को अपने पैतृक घर राणासर भेज दिया। उन्होंने बताया कि पत्नी व बेटी सहित माता-पिता से दूर रहने का थोड़ा दु:ख जरुर है, लेकिन इस समय चिकित्साकर्मियों को इस समय देश को जरुरत है। नर्सिंग अधिकारी रणवां ने बताया कि वे गत 15 फरवरी को घर आए थे, इसके बाद छुट्टी नहीं मिलने के कारण घर भी नहीं आ सकते है। उन्होंने बताया कि शुरुआत में परिवार के लोगों की काफी चिंता रहती थी, लेकिन देशप्रेम व देशसेवा को देखकर परिजनों को भी भूल बैठे है।
तीन परत का बॉडी कवर पहनकर करते है सात घण्टों की कठिन ड्यूटी
नर्सिंग अधिकारी रणवां ने इस समय के कार्यों के अनुभवों को साझा कर बताया कि वैसे तो चिकित्सीय कार्य के दौरान ज्यादा सुरक्षा नहीं रखनी पड़ती है। लेकिन कोरोना बहुत ज्यादा संक्रमक होने के चलते शरीर को विशेष सुरक्षित रखना पड़ता है। उन्होंने बताया कि सबसे पहले सामान्य ड्रेस पहनने के बाद पीपीई कीट (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट) पहनते है। इसके बाद सर्जिकल गाउन पहनते है। इस प्रकार से सम्पूर्ण शरीर को तीन परतों में ढका जाता है। नाक और मुंह को एन-95 मास्क से, आंखों को चश्मे से, फिर सिर, मुंह और नाक को हेलमेट की तरह बना हुआ फेस कवर से ढकते है। साथ ही हाथों को सुरक्षित रखने के लिए तीन प्रकार के दस्ताने पहनने पड़ते है। शरीर को इतना कवर करने के बाद सांस लेने में भी काफी परेशानी होती है। आईसीयू में किसी से बात नहीं कर सकते है। इस तरह से शरीर को पूरा कवर करने में आधा घण्टा व खोलने में आधा घण्टा लगता है। इस तरह की ड्यूटी के दौरान न तो कुछ खा-पी सकते है और न ही शौचालय जा सकते है। यहां तक कि कोरोना आईसीयू में पंखा, कूलर या एसी भी नहीं चला सकते है। पुरा शरीर तीन परत में कवर होने के कारण शरीर भी पसीने से तर-बतर हो जाता है। फिर भी वे अपना फर्ज व ड्यूटी देश सेवा मानकर बखूबी निभा रहे है।
माता-पिता को नहीं बताया, कही डर नहीं जाए
नर्सिंग अधिकारी रणवां ने बताया कि जब भी माता-पिता से बात होती है तो इस तरह के चिकित्सीय कार्य के बारें में नहीं बताते है ताकि माता-पिता का डर व चिंता कार्य के दौरान आडे नहीं आ जाए। उन्होंने बताया कि इसके प्रकार के चिकित्सकीय कार्य के बारें में पत्नी को जरुर बता दिया। लेकिन पत्नी की ओर से भी फोन पर दिए जा रहे हौंसले से हिम्मत बढ़ जाती है। नर्सिंग अधिकारी रणवां अपनी बेटी प्रीतिका से कभी-कभी वीडियों कॉलिग कर लेते है। मरीजों से सीधा सम्पर्क रहने के कारण इस तरह के चिकित्साकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर अपना कर्तव्य निभा रहे है।
कोरोना हारेगा तभी जीतेगा हिन्दुस्तान
नर्सिंग अधिकारी रणवां ने लोगों को संदेश देते हुए कहा कि कोरोना को हराने के लिए लोग अपने-अपने घरों में रहे, सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं करें तथा सोशल डिस्टेंस का पूरा ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि चिकित्सकीय सर्वे में लगे कार्मिकों एवं प्रशासन का पूरा सहयोग करें, लॉक डाउन का पालन करें। नर्सिंग अधिकारी रणवां ने बताया कि इन बांतों का ध्यान रखेंगे तो निश्चित रुप से कोरोना हारेगा और हिन्दूस्तान जीतेगा।

संबंधित विषय:

Home / Kuchaman City / ऐसे है कर्मवीर, पूरे शरीर को ढकते है तीन परतों में, उसके बाद करते है ड्यूटी

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.