अचानक नलों में पानी बंद होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। जिन क्षेत्रों में सुबह की पारी में जलापूर्ति की जाती है, उन इलाकों में लोग नल आने का इंतजार करते रहे। पुराने कोटा क्षेत्र में भी जलापूर्ति प्रभावित रही। पुराने कोटा के अधिकतर इलाकों में 24 घंटे नल आते हैं, लेकिन सोमवार सुबह से ही नल नहीं टपके तो लोगों की मुश्किल बढ़ गई।
छावनी निवासी देवेश तिवारी ने बताया कि अचानक जलापूर्ति बंद होने से लोग पीने का पानी भी नहीं भर सके। थोड़ी ही देर में टंकियों का पानी भी रीत गया। इससे घर की जरूरत के पानी की किल्लत हो गई। उन्होंने कहा कि छावनी क्षेत्र में कम दबाव से पानी की समस्या है। पहले भी बिना सूचना के जलापूर्ति बंद रहने से क्षेत्रवासियों को परेशानी उठानी पड़ी है।
अकेलगढ़ स्थित जीएसएस में 33 केवी लाइन में सुबह मेजर फाल्ट आ गया था। इससे जम्पर उड़ गए थे। सुबह करीब 11 बजे तक उनकी मरम्मत करवाकर पम्प चालू किए गए, इसके बाद जलापूर्ति की गई।
छावनी निवासी देवेश तिवारी ने बताया कि अचानक जलापूर्ति बंद होने से लोग पीने का पानी भी नहीं भर सके। थोड़ी ही देर में टंकियों का पानी भी रीत गया। इससे घर की जरूरत के पानी की किल्लत हो गई। उन्होंने कहा कि छावनी क्षेत्र में कम दबाव से पानी की समस्या है। पहले भी बिना सूचना के जलापूर्ति बंद रहने से क्षेत्रवासियों को परेशानी उठानी पड़ी है।
अकेलगढ़ स्थित जीएसएस में 33 केवी लाइन में सुबह मेजर फाल्ट आ गया था। इससे जम्पर उड़ गए थे। सुबह करीब 11 बजे तक उनकी मरम्मत करवाकर पम्प चालू किए गए, इसके बाद जलापूर्ति की गई।
– सोमेश मेहरा, अधीशासी अभियंता, जलदाय विभाग