कोटा डेयरी पर बरपा हंगामा, पुलिस से झड़प

कोटा डेयरी प्लांट पर शनिवार को कुछ दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के पदाधिकारियों ने दूध को बीएमसी पर नहीं ले जाकर प्लांट में लाने की मांग को लेकर हंगामा कर दिया।

<p>कोटा डेयरी पर बरपा हंगामा, पुलिस से झड़प</p>
कोटा. कोटा डेयरी प्लांट पर शनिवार को कुछ दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के पदाधिकारियों ने दूध को बीएमसी पर नहीं ले जाकर प्लांट में लाने की मांग को लेकर हंगामा कर दिया। सूचना पर सुबह से ही डेयरी प्लांट के गेट पर दादाबाड़ी थाना पुलिस व आरएसी के जवान तैनात रहे।
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सुबह ९ बजे धींगड़ा दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति के सेक्रेटरी राधाकिशन गुर्जर गाड़ी में दूध लेकर डेयरी प्लांट पर पहुंचे तो पुलिसकर्मियों ने अंदर नहीं जाने दिया। इसके बाद अन्य समितियों के लोग भी दूध लेकर आ गए। सूचना पर कोटा डेयरी अध्यक्ष श्रीलाल गुंजल मौके पर पहुंचे और दूध की गाडिय़ों को प्लांट के अन्दर ले जाने लगे तो पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक दिया। पुलिस व गुंजल के बीच कुछ देर झड़प हुई। इस पर वहां लोगों ने हंगामा कर दिया। सूचना पर एएसपी प्रवीण जैन व पुलिस उपाधीक्षक अंकित जैन मौके पर पहुंचे। उन्होंने हंगामा कर रहे लोगों से समझाइश की, लेकिन वे लोग दूध अंदर ले जाने पर अड़ गए और गेट के बाहर धरना देकर बैठ गए।
एमडी राकेश शर्मा ने बताया कि जिले में दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों रोजड़ी, रंगबाड़ी, बंधा, धर्मपुरा व धींगड़ा पर आने वाले दूध को पास ही स्थित बीएमसी (बल्क मिल्क कूलर) पर ले जाकर मापने की व्यवस्था है, ताकि दूध बीएमसी में ठंडा होने के बाद टैंकरों से डेयरी प्लांट में आए। यह व्यवस्था राजस्थान में सभी जगह लागू है। कोटा बूंदी में १८ बीएमसी हैं। इनमें ८०० समितियों में से ७९५ का दूध जाता है, लेकिन पांच समितियां इसकी पालना नहीं कर रही। उन्होंने बताया कि समितियों के प्रतिनिधि मंडल ने १ दिसम्बर से बीएमसी पर दूध ले जाने व ३० नवम्बर तक डेयरी प्लांट में दूध लाने की छूट देने का लिखित में आश्वासन दिया। इसके बाद जिला कलक्टर की सहमति से उन्हें ३० नवम्बर तक डेयरी प्लांट में दूध लाने की इजाजत दी है। इसके बाद इन समितियों के दूध को शाम ५ बजे मापा गया।

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