इ साल तो राम ह्यी रूठग्यो

कोटा सम्भाग में मानसून के दौरान अतिवृष्टि से खरीफ फसल खराबे से किसान अभी उभर भी नहीं पाए थे कि बेमौसम बारिश ने फिर किसानों की नींद उड़ा दी। किसानों का कहना है कि इ साल तो राम ह्यी रूठग्यो, पहल्या अतिवृष्टि अब बची खुची फसल बारिश न बरबाद कर द्यी।

<p>इ साल तो राम ह्यी रूठग्यो</p>
कोटा. कोटा सम्भाग में मानसून के दौरान अतिवृष्टि से खरीफ फसल खराबे से किसान अभी उभर भी नहीं पाए थे कि बेमौसम बारिश ने फिर किसानों की नींद उड़ा दी। किसानों का कहना है कि इ साल तो राम ह्यी रूठग्यो, पहल्या अतिवृष्टि अब बची खुची फसल बारिश न बरबाद कर द्यी। फसल हाथ में आने से पहले ही खराब होने से किसानों की ङ्क्षचता बढ़ गई।
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ग्रामीण क्षेत्र में सवा घंटे लगातार हुई बारिश
कोटा जिले के ग्रामीण क्षेत्र में रविवार रात करीब सवा घंटे से ज्यादा देर तक तेज बारिश हुई। घघटाना निवासी किसान महेन्द्र कुमार सैनी ने बताया कि क्षेत्र में अभी 10 प्रतिशत ही फसल निकल सकी है। सोयाबीन की फसल खेतों में कटी पड़ी है और अधिकांश फसल खड़ी है। बेमौसम बारिश से सोयाबीन के दाने फूल जाएंगे। उन्होंने बताया कि तेज हवा के साथ बारिश से क्षेत्र में खड़ी धान की फसल जमीन पर गिर जाने से उसके उत्पादन में भी काफी असर पड़ेगा। रात्रि में भी लगातार बूंदाबादी जारी रही। सुबह खेतों में जाने पर ही पता चल पाएगा कितना नुकसान हुआ है। मंडावरी निवासी किसान दिनेश यादव ने बताया कि बारिश से क्षेत्र में सोयाबीन व धान की फसल में तो नुकसान हुआ ही है। साथ ही रबी फसल की बुवाई भी प्रभावित होगी। जिन किसानों ने लहसुन के खेत तैयार कर रखे है बारिश होने से जमीन में नमी होने से बुवाई करीब 15 दिन देरी से होगी। बारां, बूंदी और झालावाड़ में भी बारिश से खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा है।
किसान नेता दशरथ कुमार ने बताया कि यह बारिश पूरे कोटा सम्भाग में हुई है। सम्भाग में बारिश से खेतों में कटी पड़ी व खेत में खड़ी फसल उड़द, सोयाबीन व धान की फसलों में करीब 50 प्रतिशत का खराबा होने की उम्मीद है। सम्भाग में अभी किसानों की केवल 10 प्रतिशत फसल कटकर बाहर आई है। बाकी फसल खेतों में ही है।
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15-20 एमएम बारिश से जिन किसानों की फसल कटकर खेत में पड़ी है, निकाली नहीं है और सोमवार को मौसम साफ हो जाता है तो उसमें थोड़ा बहुत नुकसान हो सकता है। खड़ी फसल में कोई नुकसान नहीं होगा। लहसुन की बुवाई में भी 2-3 दिन से ज्यादा की देरी नहीं होगी। अगर बारिश लगातार जारी रही तो फिर फसलों में काफी नुकसान हो जाएगा।
डॉ. रामावतार शर्मा, संयुक्त निदेशक कृषि

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