इसका बड़ा कारण इंजीनियरिंग सेक्टर में विद्यार्थियों को ना केवल अच्छी नौकरियां मिलना है। अपितु विभिन्न क्षेत्रों में इंजीनियर्स बनने के बाद कॅरियर की अच्छी संभावनाओं का खुलना भी है। परन्तु हर साल बड़ी संख्या में 12वीं पास करने के उपरान्त विद्यार्थियों के सामने अच्छे इंजीनियरिंग संस्थानों को चुनने का प्रश्न खड़ा होता है जिससे अभिभावक एवं विद्यार्थी असमंजस में दिखाई देते हैं।
किसी भी इंजीनियरिंग संस्थान का चयन करने से पहले उसके अकेडमिक प्लेसमेंट फीस फेकल्टी फेसेलिटी एलुमिनि खान.पान लोकेलिटी रैंकिंग तकनीकी कॅरिकूलम एवं एक्सपोजर को देखना जरूरी होता है। आज देश के श्रेष्ठ संस्थान इन सभी बिन्दुओं पर विद्यार्थियों के चहुंमुखी विकास के लिए अत्यंत जोर देते हैं, जिससे विद्यार्थी इकॉनामी के विभिन्न क्षेत्रों जैसे इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी आईटी सॉफ्टवेयर फाइनेंस एनालिटिक्स कंसलटिंग रिसर्च एण्ड डवलपमेंट सर्विसेज एजुकेशन एफ एमसीजी एवं पीएसयू में अच्छे पैकेजेज पर प्लेस्ड हो जाते हैं।
देश के शीर्ष आईआईटी बॉम्बे दिल्ली कानपुर शीर्ष एनआईअी तिरछी वारंगल सूरतकल आदि में नवीनतम तकनीकी कॅरिकूलम के अनुसार ही विद्यार्थियों को अच्छे माहौल में पढ़ाया जाता है। जिससे प्लेसमेंट के समय कंपनियों की जरूरत को देखते हुए उन्हें अच्छे तकनीकी स्किल्ड विद्यार्थी काम करने के लिए मिल जाते हैं। अत: विद्यार्थियों को कॉलेज चयन के समय उपरोक्त सभी बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए ।
इंजीनियरिंग क्षेत्र में रोजगार की कमी को लेकर सवाल
कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि अभिभावकों व विद्यार्थियों के मन में आज इंजीनियरिंग सेक्टर में रोजगार की कमी को लेकर कई तरह के सवाल उठते हैं कि हर साल इतनी बड़ी संख्या में इंजीनियर्स देश में ग्रेजुएट हो रहे हैं तो उन्हें रोजगार के अवसर मिल पाता है या नहीं जबकि वास्तविकता यह है कि यदि विद्यार्थी किसी सामान्य या नीचे की रैंक वाले इंजीनियरिंग संस्थान से डिग्री हासिल करता है या फिर विद्यार्थी की कॉलेज में पढ़ाई के दौरान अच्छी परफोरमेंस ना होना या अकेडमिक बैक आती है तो उसे प्लेसमेंट के दौरान मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त कोई ऐसा बड़ा कारण नहीं है कि इंजीनियर्स को रोजगार ना मिले।
कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि अभिभावकों व विद्यार्थियों के मन में आज इंजीनियरिंग सेक्टर में रोजगार की कमी को लेकर कई तरह के सवाल उठते हैं कि हर साल इतनी बड़ी संख्या में इंजीनियर्स देश में ग्रेजुएट हो रहे हैं तो उन्हें रोजगार के अवसर मिल पाता है या नहीं जबकि वास्तविकता यह है कि यदि विद्यार्थी किसी सामान्य या नीचे की रैंक वाले इंजीनियरिंग संस्थान से डिग्री हासिल करता है या फिर विद्यार्थी की कॉलेज में पढ़ाई के दौरान अच्छी परफोरमेंस ना होना या अकेडमिक बैक आती है तो उसे प्लेसमेंट के दौरान मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त कोई ऐसा बड़ा कारण नहीं है कि इंजीनियर्स को रोजगार ना मिले।