10 दिन बाद नहरों में छोड़ेंगे पानी, सफाई व मरम्मत के नाम पर लीपापोती

हाड़ौती की लाइफ लाइन चम्बल से निकलने वाली दाईं व बाईं मुख्य नहरों की सफाई व मरम्मत अभी तक पूरी नहीं हुई है और नहरों में पानी छोडऩे का समय नजदीक आ गया है।

<p>10 दिन बाद नहरों में छोड़ेंगे पानी, सफाई व मरम्मत के नाम पर लीपापोती</p>
कोटा. हाड़ौती की लाइफ लाइन चम्बल से निकलने वाली दाईं व बाईं मुख्य नहरों की सफाई व मरम्मत अभी तक पूरी नहीं हुई है और नहरों में पानी छोडऩे का समय नजदीक आ गया है। नहरों में पानी छोडऩे के लिए राजस्थान व मध्यप्रदेश के अधिकारियों की पिछले दिनों वर्चुअल बैठक ग्वालियर सीएडी के मुख्य अभियंता आर.पी. झा की अध्यक्षता में हुई थी। इसमें अधिकारियों ने नहर में 20 से 25 अक्टूबर तक पानी छोडऩे की बात पर सहमति बनी थी। यानी दस दिन बाद नहरों में पानी छोड़ा जाएगा, लेकिन कचरे से अटी दाईं मुख्य नहर की सफाई तक नहीं करवाई गई है। बांच्रों व माइनरों की सफाई व टूट-फूट की मरम्मत भी नहीं हुई है।
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नहरों में पानी छोडऩे के साथ गंदगी बहने का इंतजार
चम्बल की दाईं मुख्य नहर (आरएमसी) कोटड़ी नाग-नागिन मंदिर से थेगड़ा पुलिया तक कचरे के ढेर लगे हुए हैं। सीएडी ने सफाई कार्य शुरू नहीं किया। पूरी नहर में एक माह पहले तक जलकुम्भी छाई हुई थी। कचरे के ढेरों की सफाई के बजाय अधिकारी नहरों में पानी छोडऩे का इंतजार कर रहे हैं, ताकि गंदगी व कचरा पानी के साथ बहकर आगे निकल जाए।
ब्रांचों के भी यही हाल
दाईं मुख्य नहर से निकलने वाली ब्रांचों व माइनरों के भी यही हाल हैं। इनकी भी सफाई का काम अभी तक शुरू नहीं किया गया। टूटी-फूटी नहरों की क्षतिग्रस्त दीवार की मरम्मत का काम भी नहीं किया गया। किशनपुरा ब्रांच की दीवारें थेगड़ा से बोरखेड़ा चौराहे तक एक दर्जन से ज्यादा स्थानों पर टूटी पड़ी हैं। सीएडी ने इन टूटी दीवारों की मरम्मत का काम शुरू किया था, लेकिन आधी दीवारें भी सही नहीं हुई।
झाडिय़ों की करवा रहे सफाई
सीएडी आरएमसी के एसई लखनलाल गुप्ता ने बताया कि नहरों की सफाई का काम शुरू नहीं हो सका, लेकिन किनारे उगी झाडिय़ों को हटाने का काम आरएमसी के तीनों डिविजनों में मनरेगा के तहत चल रहा है। शहर के अंदर से निकल रही नहरों व ब्रांचों की मरम्मत का कार्य न्यास को करवाना है। किशनपुरा ब्रांच में थेगड़ा से बोरखेड़ा तक सीएडी ने मरम्मत का काम शुरू करवाया है। इससे आगे यूआईटी की ओर से दीवार बनाने का काम चल रहा है।

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