लगातार रात की ड्यूटी करने से परेशान हैं स्टेशन मास्टर

पश्चिम मध्य रेलवे के स्टेशन मास्टर लगातार रात की ड्यूटी करने से परेशान हो गए हैं। अब वे आंदोलन की राह पर जाने की तैयारी कर रहे हैं। रेलवे प्रशासन को चेताया कि जल्द अनुकूल रोस्टर प्रणाली लागू की जाए।

कोटा. पश्चिम मध्य रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर कार्यरत स्टेशन मास्टर लगातार रात्रिकालीन ड्यूटी करने से परेशान हैं। उनका कहना है कि आदेश के एक साल बाद भी टू-नाइट रोस्टर लागू नहीं हो पाया है। इस कारण लगातार 7 रात तक नाइट ड्यूटी करने से स्टेशन मास्टर्स के स्वस्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। स्टेशन मास्टरर्स ने बुधवार को रैली निकालकर आंदोलन की चेतावनी दी। ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि तनाव के कारण अब लकवा, हृदयघात जैसी बीमारियां होने लगी हैं। स्टेशन मास्टर सामाजिक और पारिवारिक माहौल से दूर हो रहे हैं, इसलिए अनिंद्रा, चिड़चिड़ापन का शिकार हो रहे हैं। एसोसिएशन के तीरथ सिंह, एहसान अहमद, कामिनी सिकरवार और हेमराज मीणा ने बताया कि रेल प्रशासन को उनकी समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा, डॉक्टर भी लगातार 7 रात जगाने को स्वास्थ्य के लिए सही नहीं मानते हैं। इसके लिए रेलवे ने लगातार दो रातों की ड्यूटी का रोस्टर तैयार किया है। इसके बाद दिन में और इसके बाद फिर दो रात की ड्यूटी करनी होती है। कई रेलवे जोन में यह व्यवस्था लागू है, लेकिन पश्चिम मध्य रेलवे के अधिकारी अनदेखी कर रहे हैं।
ये मांग भी कर रहा एसोसिएशन
-कोटा-चित्तौड़ खंड में सी रोस्टर लागू करके 12 घंटे से 8 घंटे की जाए।
– व्यस्ततम एवं साइडिंग स्टेशनों पर यार्ड स्टिक के अनुसार पर्यवेक्षक पद सृजित किया जाए।
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