बारिश से खेतों में बोया बीज हुआ नष्ट

कोटा. हाड़ौती सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में पश्चिमी विक्षोभ के कारण हुई बेमौसम बारिश से फसलों को हुए नुकसान की विशेष गिरदावरी कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने जिला कलक्टरों को फसलों में हुए नुकसान का जल्द आकलन कराने के निर्देश दिए हैं। इसके आधार पर प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की कार्यवाही की जा सके।

<p>बेमौसम बारिश से फसलों में नुकसान की होगी विशेष गिरदावरी</p>
कोटा. हाड़ौती सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में पश्चिमी विक्षोभ के कारण हुई बेमौसम बारिश से फसलों को हुए नुकसान की विशेष गिरदावरी कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने जिला कलक्टरों को फसलों में हुए नुकसान का जल्द आकलन कराने के निर्देश दिए हैं। इसके आधार पर प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की कार्यवाही की जा सके।
मुख्यमंत्री ने वीसी के माध्यम से बैठक ली। जिसमें कोटा जिला कलक्टर तथा कृषि विभाग के अधिकारी जुड़े। गत 16 अक्टूबर से 18 अक्टूबर के दौरान राज्य के कई जिलों में बेमौसमी बरसात से खरीफ की सोयाबीन, धान, मूंग, बाजरा एवं उड़द की फसलों को नुकसान पहुंचा है। इसी प्रकार जिन खेतों में रबी की सरसों एवं चने की बुआई हो गई थी, उनमें भी बीज नष्ट होने के कारण किसानों को दुबारा बुआई करनी पड़ेगी। विशेषकर पूर्वी राजस्थान के कोटा, बूंदी, झालावाड़, बारां, करौली, धौलपुर, सवाई माधोपुर, भरतपुर, अलवर, टोंक, दौसा जिलों में फसलों में नुकसान ज्यादा हुआ है। एक अनुमान के अनुसार कोटा जिले में 600 हैक्टेयर क्षेत्र में सरसों को बोया बीज नष्ट हो गया।

पहले भी झेल चुके हैं बड़ा नुकसान

इससे पहले गत जुलाई माह में हुई अतिवृष्टि के कारण फसलों को हुए नुकसान की विशेष गिरदावरी कराई गई थी। जिसकी रिपोर्ट के आधार पर 7 जिलों-बारां, बूंदी, धौलपुर, झालावाड़ कोटा, सवाई माधोपुर एवं टोंक के 3704 गांवों में 6 लाख 79 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में 33 प्रतिशत एवं इससे अधिक खराबे का आकलन किया गया है। जिसके आधार पर करीब 12 लाख 11 हजार प्रभावित किसानों को कृषि आदान-अनुदान वितरित किए जाने के संबंध में कार्यवाही की जा रही है। इसके तहत अधिकतम 2 हैक्टेयर तक के मुआवजे का प्रावधान है।
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