उड़ीसा के कालाहांडी का गांजा कोटा पर कालिख पोतने की फिराक में

बड़े पैमाने पर उड़ीसा के कालाहांडी जिले से तस्करी कर गांजा लाया जा रहा है…

<p>शहर को &#8216;उड़ता कोटा&#8217; न बना दे कालाहांडी का गांजा</p>
कोटा. शैक्षणिक नगरी के नाम से विख्यात कोटा में बड़े पैमाने पर उड़ीसा के कालाहांडी जिले से तस्करी कर गांजा लाया जा रहा है। तस्कर और नशे के सौदागर स्थानीय युवाओं के साथ-साथ यहां रह रहे देशभर के युवाओं को नशे की लत लगा कर ‘उड़ता कोटा’ बनाना चाहते हैं। स्मैक जैसे महंगे नशे की जगह नई नस्ल को अब कम खर्चे में गांजे के नशे में फांसने की कोशिश की जा रही है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है, कि पुलिस ने गत वर्ष रिकार्ड 243 किलो से ज्यादा गांजा व इस वर्ष करीब डेढ़ माह में पुलिस ने सात मामलों में 70 किलो 200 गांजा बरामद किया है।
उड़ीसा के जंगलों में बड़े पैमाने पर खेती –

शहर में आने वाले गांजे का ज्यादातर हिस्सा ओडिशा के कालाहांडी से लाया जा रहा है। यहां जंगलों में इसकी भरमार है। कोटा में उड़ीसा से काफी लोग बसे है। ऐसे में तस्कर इसका लाभ उठा कर माल यहां तक ले आते है। तस्कर ट्रेन और सड़क दोनों रास्तों को अपना रहे है। पुलिस ने रेल और सड़क दोनों ही मार्गों पर गांजे की खेपें पकड़ी, लेकिन हर बार पुलिस तस्करों के कैरियर को ही पकड़कर रह गई। ऐसे में गांजे तस्करी के पीछे का माफिया का नकाब अब भी नहीं खुल सका है।
तस्करी के हथकंडे-
तस्करों के कॅरियर ने अब पुलिस से बचने के लिए नया ट्रेड अपना लिया है। ये अब रेलवे स्टेशन से कुछ पहले ही ट्रेन से उतर जाते हैं। यहां से वे कारों या अन्य वाहनों से कोटा पहुंचते हैं। वे शहर को गांजा का बड़ा बाजार बनाने की फिराक में है। इसके अलावा कोटा से ही आसपास के जिलों में गांजा सप्लाई कर दिया जाता है।
रेल, सड़क अब डॉग स्क्वाड –

पुलिस भी तस्करों को दबोचने के लिए नित नए तरीके अपना रही हैं। पुलिस जब ट्रेन से आने वाले तस्करों को पकडऩे लगी तो उन्होंने नए तरीके अपनाए। अब पुलिस सड़क पर नाकाबंदी व डॉग स्क्वाड की मदद से तस्करों को दबोच रही है।
कोर्ट करता रहा है तल्ख टिप्पणी –
एनडीपीएस कोर्ट की विशिष्ट न्यायाधीश अनुपमा राजीव बिजलानी मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में कई बाद तल्ख टिप्पणियां भी कर चुकी हैं।

स्मैक की जगह ले रहा –
महंगी होने के कारण स्मैक की जगह अब गांजे का चलन है। सस्ते नशे के रूप में गांजे का चलन लगातार बढ़ता ही जा रहा है। कभी किलो दो किलो की खेप में आने वाला गांजा अब क्विंटलों में तस्करी कर लाया जा रहा है।
केस एक

भीमगंजमंडी पुलिस ने 5 फरवरी को गांजा तस्करी के मामले में तीन जनों तीन जनों उड़ीसा के कालाहांडी निवासी पंचानन मेहर (38), गंगाधर मेहर (35) व राजू नायक (24) को गिरफ्तार कर उनसे 22 किलो गांजा बरामद किया।
केस-2 –
रेलवे कॉलोनी पुलिस ने 6 फरवरी दो जनों उड़ीसा के कालाहांडी जिले के पलास गांव निवासी मृत्युजंय बैठारू (39) व उड़ीसा के पलास गांव निवासी ज्योतिप्रकाश मेहर (24) गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 20 किलो 300 ग्राम गांजा बरामद किया।
केस नम्बर 3 –
दादाबाड़ी पुलिस ने 13 फरवरी को चार किलो गांजे के साथ दो तस्करों बूंदी जिले के गेंडोली थानाक्षेत्र के गांव मण्डित्या निवासी पप्पूलाल मीणा (38) व दादाबाड़ी बालाकुंड निवासी बलवीर उर्फ बल्लू भाटी (20) को गिरफ्तार किया।
केस – 4

बोरखेड़ा पुलिस ने 15 फरवरी को एक जने को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से 14 सौ ग्राम गांजा बरामद कर आरोपी कैथून थाना क्षेत्र के गांव जगन्नाथपुरा निवासी अनिल मीणा (24) को नया नोहरा से गिरफ्तार किया।
केस – 5
बोरखेड़ा पुलिस ने 16 फरवरी को भरतपुर जिले के डीग थानाक्षेत्र के गांव सिनसिनी निवासी किशन सिंह जाट (27) गिरफ्तार कर उसके कब्जे से 81 सौ ग्राम गांजा बरामद किया।

कोटा शहर में पकड़े गए नशीले पदार्थ के मामले
2017 – 134
2018 – 129
2019 – 160

शहर में उड़ीसा के कालाहांडी से सबसे अधिक गांजा आता है। यह रेल और सड़क मार्ग से लाया जाता है। ट्रेन पर सख्ती करने पर ये कोटा स्टेशन से पहले उतर सड़क से आने लगे। अब सड़क पर नाकाबंदी व डॉग स्क्वॉड से इन्हें दबोच रहे हैं।
– भगवत सिंह हिंगड,
पुलिस उपअधीक्षक,कोटा
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.