उसके बाद अभिभावकों की लिखित अनुमति के बाद ही उन्हें प्रवेश दिया गया। क्लासरुम में भी विद्यार्थियों को सोश्यल डिस्टेंसिंग के साथ बिठाया गया। पहले दिन आधे ही विद्यार्थियों को बुलाने के कारण स्कू लों में विद्यार्थियों की संख्या कम रही। कई स्कू लों में अभिभावक व्यवस्थाएं देखने को पहुंचे। कोरोना संक्रमण के बीच स्कू ल स्कू ल, कॉलेज व कोचिंग खुलने से अभिभावकों के मन में अलग तरह का डर था।
कई स्कू लों में अभिभावक खुद वाहनों में बच्चों को लेकर पहुंचे। दस माह बाद स्कू ल व कोचिंग के विद्यार्थी ड्रेस में नजर आए। कई विद्यार्थियों के चेहरे पर डर सा नजर आया। कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर चेहरे पर फेसशील्ड लगाई गई। हालांकि लम्बे समय बाद स्कू ल आने व दोस्तों से मिलने को लेकर मन से अलग तरह की खुशी भी नजर आई।
– स्कू लों में नहीं बजी घंटी और न प्रार्थना सभा हुई सरकारी व प्राइवेट स्कू लों में शुरुआत में कोई घंटी नहीं बजी और न प्रार्थना सभा हुई। विद्यार्थी सीधे सेनेटाइज होने के बाद सीधे क्लासरुम में पहुंचे।
– हर कालांश के बाद सेनेटाइज हुआ क्लासरुम स्कू ल, कोचिंग, हॉस्टल, मैस में सैनेटाइजेशन के पूरे प्रबंध किए गए। स्कू ल, कॉलेज व कोचिंग में हर कालांश के बाद क्लासरुम सेनेटाइज हुआ। इसके लिए बकायदा सेनेटाइज मशीनें रखी हुई थी।