कोरोना के बीच किसानों के लिए आई राहत भरी खबर

लोकसभा अध्यक्ष के प्रयासों से कोटा संभाग के किसानों के लिए केन्द्र ने जारी किया आदेश

<p>कोरोना के बीच किसानों के लिए आई राहत भरी खबर</p>
कोटा। केन्द्र सरकार ने कोटा संभाग के किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद के मापदण्डों में रियायत देते हुए बड़ी राहत दी है। जो गेहूं बारिश में भीगने के कारण बदरंग हो गया था या चमकहीन हो गया है, उसे भी केन्द्र सरकार खरीदेगी। इस आदेश से हाड़ौती के ज्यादातर किसान अब समर्थन मूल्य के केन्द्रों पर भारतीय खाद्य निगम व अन्य खरीद एजेन्सियों को गेहूं बेच सकेंगे।हाड़ौती में भारतीय खाद्य निगम, राजफैड व तिलम संघ की ओर से 16 अप्रेल से एमएसपी पर गेहूं की खरीद शुरू कर दी थी, लेकिन ज्यादातर किसानों का गेहूं खरीद के मापदण्डों पर खरा नहीं उतर पा रहा था, इस कारण गेहूं को खरीद के लिए नापास कर दिया जाता था, इससे किसान खासे परेशान थे। भाजपा नेताओं व किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को वीडियो कान्फ्रेसिंग के दौरान गेहूं का नापास करने की समस्या से अवगत कराया था। खरीद के मापदण्डों में राहत दिलाने का आग्रह किया था। लोकसभा अध्यक्ष ने इस संबंध में केन्द्र सरकार से बात कर किसानों की समस्या को राहत देने को कहा। इस पर केन्द्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मामले विभाग ने बुधवार को कोटा संभाग के किसानों के लिए विशेष आदेश जारी किया है। गौरतलब है कि हाड़ौती में गेहूं की फसल पककर खेतों में खड़ी थी, लेकिन लॉक डाउन के कारण श्रमिक व मशीनें उपलब्ध नहीं होने के कारण गेहंू की कटाई नहीं हो पा रही थी, इसी दौरान बेमौसम बारिश हुई। भीगने से गेहूं चमकहीन हो गया। पत्रिका ने यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया था, किसानों का गेहूं नापास होने पर मंडी में सस्ते दामों पर बेचने को विवश होना पड़ रहा था।
ऐसे मिली राहत

– जिस गेहूं की 10 फीसदी तक चमकहीनता होने पर भी निर्धारित एमएसपी 1925 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा।

– जिस गेहूं में 10 से 30 फीसदी तक गुणवत्ता के तत्वों में कमी आने पर 4.81 रुपए प्रति क्विंटल की कटौती कर 1920.81 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीद की जाएगी।
-अब खरीद केन्द्र पर किसी भी किसान का गेहूं खरीद के लिए अस्वीकार नहीं किया जाएगा।
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