कोविड मरीज मानसिक तनाव व अवसाद में तो तीमारदार भी एंजायटी के शिकार

कोरोना का भय आमजन में काफी बढ़ा हुआ है। मरीज मानसिक तनाव व अवसाद में मिल रहे हैं। इसका सीधा असर मरीज की मानसिक स्थिति पर भी पड़ रहा है। मरीजों के तीमारदार भी एंजायटी के शिकार हो रहे हैं।

<p>कोविड मरीज मानसिक तनाव व अवसाद में तो तीमारदार भी एंजायटी के शिकार</p>
कोटा. कोरोना का भय आमजन में काफी बढ़ा हुआ है। मरीज मानसिक तनाव व अवसाद में मिल रहे हैं। इसका सीधा असर मरीज की मानसिक स्थिति पर भी पड़ रहा है। मरीजों के तीमारदार भी एंजायटी के शिकार हो रहे हैं। चूंकि कोरोना भय व तनाव उत्पन्न कर रहा है। ऐसे में भय को दूर करने के लिए राज्य सरकार के आदेश पर मेडिकल कॉलेज की गठित तनाव प्रबंधन कमेटी कोविड़ पॉजिटिव मरीज व उनके तीमारदारों को मानसिक उपचार देने के साथ ही उनकी काउंसलिंग कर उनके डर को दूर कर रही है। कमेटी के चेयरपर्सन वरिष्ठ प्रो. मनोचिकित्सक डॉ. बीएस शेखावत के निर्देशन में सह आचार्य डॉ. मिथलेश खींची, चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजमल मीणा प्रतिदिन कोविड अस्पताल व कोटा विवि के कोविड़ डे सेंटर पर जाकर मरीजों के मानसिक स्वास्थ्य की जांच व उपचार कर रहे हैं और उनके डर को दूर कर उनका मनोबल बढ़ा रहे है। डॉ. मिथलेश खींची के निर्देशन में साइकोलॉजिस्ट पूर्ति शर्मा व योगिता यादव मरीजों की काउंसलिंग कर रही है। डॉ. मिथलेश खींची ने बताया कि कोटा डे केयर सेंटर पर प्रतिदिन 4 से 5 मरीज, कोविड अस्पतालों में ओपीडी व इंडोर में भर्ती करीब एक दर्जन मरीज मानसिक तनाव व अवसाद के मिल रहे हैं। मरीजों के तीमारदार भी एंजायटी के शिकार हो रहे हैं। इसमें मरीज हिम्मत हारने लगता है और सोचने लगता है कि उसके बीमार होने के बाद परिवार का क्या होगा। जबकि हर बीमारी के बारे में सकारात्म सोच रखनी चाहिए। यह एक फ्लू बीमारी है। इसमें सही इलाज व देखभाल से मरीज जल्द स्वस्थ भी होता है।
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