चम्बल नदी के सबसे बड़े बांध गांधी सागर में नहीं आया पानी

फसलों में पानी की मांग खत्म, चम्बल की नहरों में जल प्रवाह बंद- सावन में चम्बल के बांधों में नहीं आया पानी

<p>चम्बल नदी के सबसे बड़े बांध गांधी सागर में नहीं आया पानी</p>
कोटा. हाड़ौती में पिछले चार-पांच दिन से हो रही अच्छी बारिश के कारण फसलों में फिलहाल पानी की मांग खत्म हो गई है। इसके चलते चम्बल की दोनों नहरों में गुरुवार देर रात जल प्रवाह घटाना शुरू कर दिया। शुक्रवार सुबह तक पूरी तक नहरों में जल प्रवाह बंद कर दिया है। नहरों में करीब बीस दिन तक खरीफ की फसलों के लिए पानी छोड़ा गया। सीएडी प्रशासन ने गुरुवार को कोटा, बूंदी तथा बारां जिले में बारिश और फसलों में सिंचाई की जरूरत का आकलन किया और किसान से फीडबैक लिया। इसमें किसानों ने बताया कि फिलहाल फसलों के लिए पर्याप्त बारिश हो चुकी है, इसलिए नहरी पानी की जरूरत नहीं है। इसके बाद धीरे-धीरे दाईं और बांई मुख्य नहर में जल प्रवाह बंद कर दिया गया। दाईं मुख्य नहर में अधिकतम 3500 क्यूसेक तथा बाईं मुख्य नहर में अधिकतम 1300 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था।
उधर चम्बल के बांधों के कैचमेंट क्षेत्र में पर्याप्त बारिश नहीं होने के कारण चारों बांधों में अभी तक पानी की आवक दर्ज तक नहीं हुई है। कोटा बैराज के नियंत्रण कक्ष के मुताबिक 14 जुलाई से 14 अगस्त तक चारों बांधों में पानी की आवक नहीं हुई है, बल्कि जल स्तर घट गया है। चम्बल नदी के मध्यप्रदेश की सीमा में बने सबसे बड़े गांधी सागर बांध का जल स्तर 14 जुलाई को 1296.98 फीट था, जो 14 अगस्त तक घटकर 1297.43 फीट रह गया है। कोटा बैराज का जल स्तर शुक्रवार शाम पांच बजे 853.00 फीट दर्ज किया गया।
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