कोरोना में मालगाड़ी तेज दौड़ीं, जानिए कैसे

पश्चिम मध्य रेलवे में गत फरवरी 2021 में मालगाडि़यों की रफ्तार 57.76 किलोमीटर प्रति घंटा रही। जो अभी तक की सर्वाधिक औसत स्पीड है। इस तरह पिछले वर्ष की इसी माह की मालगाडिय़ों की औसत स्पीड 29.26 किलोमीटर प्रति घंटे की तुलना में अधिक रही।

कोटा. कोरोनावायरस के संक्रमण के दौरान रेलवे ने ट्रेक के रख रखाव पर विशेष ध्यान दिया। ट्रेक की कई बाधाएं खत्म कर दी गई। कई जगह मरम्मत के लिए पर्याप्त समय का ब्लॉक नहीं मिल पता था, लेकिन जब लॉकडाउन लगा तो यात्री ट्रेनें बंद रहीं तब रेलवे ने ट्रेक को दुरुस्त करने का कार्य किया। आपदा के समय का उपयोग अवसर के रूप में किया। इससे मालगाडिय़ों की औसत स्पीड बढऩे लगी और फ रवरी 2021 में 57.76 किलोमीटर प्रति घंटा रही जो अभी तक की सर्वाधिक औसत स्पीड है। इस तरह पिछले वर्ष की इसी माह की मालगाडिय़ों की औसत स्पीड 29.26 किलोमीटर प्रति घंटे की तुलना में अधिक रही। वहीं फ रवरी 2021 में पश्चिम मध्य रेलवे ने लोडिंग का भी नया रेकॉर्ड बनाया। जोन में मुख्यत: 12 सामग्रियों का लदान किया जाता है जिसमें 28 प्रतिशत सीमेन्ट, 16 प्रतिशत क्लिंकर, 9 प्रतिशत कोयला, 14 प्रतिशत खाद और 15 प्रतिशत खाद्यान्न है जो कि मालवाहक का 82 प्रतिशत है। पश्चिम मध्य रेलवे में 100 से अधिक लदान टर्मिनल हैं। कोटा मंडल की ओर से फरवरी 2021 में प्रतिदिन 411 वैगनों की औसत लोडिंग हासिल की है जो कि 26 प्रतिशत अधिक है। माह के दौरान 0.765 मीट्रिक टन मूल लोडिंग को प्राप्त किया है जो कि 29 प्रतिशत अधिक है। साथ ही 7.846 मीट्रिक टन की संचयी लोडिंग की गई है जो कि लगभग 27 प्रतिशत अधिक है। फ रवरी माह के दौरान पश्चिम मध्य रेल के राजस्व में भी वृद्धि दर्ज की गई है। माह के दौरान लगभग 72.54 करोड़ माल राजस्व अर्जित किया गया है जो कि 32 प्रतिशत अधिक है। इस माह के दौरान पहली बार मंडलगढ़ स्टेशन से लाल गेरू की लदान की गई है एवं अब तक 58 वैगन लोड किए जा चुके हैं। माल लादान को आकर्षक बनाने के लिए भारतीय रेल में अनेक रियायतें और डिस्काउंड दिए जा रहे हैं। रेल के माल लादान व्यवसाय में जोन तथा मंडलों में बिजनेस डवलपमेंट यूनिट के उभरने, उद्योग तथा लॉजिस्टिक सेवा प्रदाताओं से निरंतर संवाद और तेज गति के कारण मजबूती मिली है।
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