धान की फसल ने उड़ाई नींद

कोटा जिले के किसान अतिवृष्टि से हुए खराबे से उबरे भी नहीं थे कि धान की फसल ने किसानों की नींद उड़ा दी। रोग लगने से धान की फसल सूखने लगी है। गांवों में कई किसानों की पूरी फसल सूख गई है तो कइयों की खराब होने की कगार पर है।

<p>धान की फसल ने उड़ाई नींद</p>
कोटा. कोटा जिले के किसान अतिवृष्टि से हुए खराबे से उबरे भी नहीं थे कि धान की फसल ने किसानों की नींद उड़ा दी। रोग लगने से धान की फसल सूखने लगी है। गांवों में कई किसानों की पूरी फसल सूख गई है तो कइयों की खराब होने की कगार पर है। किसानों ने बताया कि अतिवृष्टि से सोयाबीन व मक्का की फसल चौपट हो गई थी। धान से उम्मीद थी, लेकिन रोग लगने से मेहनत पर पानी फिर गया।
भाजपा देहात जिलाध्यक्ष मुकुट नागर ने बताया कि धान की फसल में बीएचपी रोग जिसे आमभाषा में ब्लास्टिंग, गर्दनमोड़ नाम से जानते हैं से खेत के खेत सूखने लगे हैं। पहले सोयाबीन की फसल में भी रोग लग गया था। किसानों ने हजारों रुपए की दवा का स्प्रे कर उसे बचा लिया, लेकिन धान में चार बार स्प्रे करने के बावजूद सूखने से नहीं बचा पा रहे। उन्होंने धान में रोग लगने से फसल सूखने के बारे में संयुक्त निदेशक कृषि रामावतार शर्मा को भी सूचना दी है।
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तीन बीघा धान सूख गया
कालाताब निवासी गिरीराज नागर ने बताया कि 24 बीघा में पूसावन धान की फसल थी। एक हफ्ते से करीब 3 बीघा धान रोग लगने से पूरी तरह सूख गया। बची धान की फसल में रोग लगा हुआ है। चार बार दवा का स्प्रे कर दिया, उसके बावजूद फसल सूख गई। उन्होंने बताया कि अतिवृष्टि से करीब ढाई लाख की मक्का की फसल खराब हो गई थी।
12 बीघा धान पूरी तरह सूखा
कालातालब निवासी महावीर नागर ने बताया कि करीब 18 बीघा धान की फसल है। इसमें से करीब 12 बीघा में धान सूख गया है। चार बार दवा का स्प्रे करने का भी फायदा नहीं मिला। बची फसल में रोग तो लगा हुआ है, लेकिन स्प्रे से अभी बचा हुआ है। पिछले दिनों अतिवृष्टि से 18 बीघा सोयाबीन पूरी तरह खराब हो गई थी। यदि धान भी नहीं बचा तो पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगे।
उत्पादन पर पड़ेगा असर
घघटाना निवासी मुकुट बिहारी मीणा ने बताया कि 30 बीघा में धान की फसल है। खेत में एक-दो स्थानों पर धान सूखने लग गया। अब दवा स्प्रे करेंगे। रोग लगने से उत्पादन पर भी काफी पर्क पड़ेगा।
पचास प्रतिशत फसल खराब
घघटाना निवासी राधेश्याम सैनी ने बताया कि करीब 14 बीघा धान है। एक बार स्प्रे कर चुके। कई किसानों के खेतों में अलग अलग स्थानों पर धान सूखने लगा है, अभी स्प्रे और कर रहे हैं, शायद कुछ बचाव हो जाए। लगातार बारिश व हवा के चलने से धान आड़ा पड़ गया। रोग लगने व धान जमीन पर गिरने से उत्पादन में प्रति बीघा करीब 1 से 2 क्विंटल का नुकसान उठाना पड़ेगा।
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-धान की फसल में रोग लगने की सूचना मिली है। कृषि अधिकारियों व वैज्ञानिकों की टीम बनाई है। यह टीम मंगलवार को गांवों में जाकर धान की फसल का निरीक्षण करेगी। यह टीम तय करेगी की फसल में रोग लगने से खराब हुई है या अन्य कोई और कारण है।
-रामावतार शर्मा, संयुक्त निदेशक कृषि

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