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पिछले तीन-चार स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए केन्द्रीय शहरी मंत्रालय की टीम खुद शहरों में आती थी और सर्वेक्षण करती थी। अब एजेन्सियों को सर्वेक्षण का जिम्मा सौंप दिया है। अलग-अलग चरणों में स्वच्छता सर्वेक्षण होगा।
पिछले तीन-चार स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए केन्द्रीय शहरी मंत्रालय की टीम खुद शहरों में आती थी और सर्वेक्षण करती थी। अब एजेन्सियों को सर्वेक्षण का जिम्मा सौंप दिया है। अलग-अलग चरणों में स्वच्छता सर्वेक्षण होगा।
शहर की सफाई व्यवस्था में लगातार सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं। टिपर संचालन को प्रभावी बनाने के लिए जीपीएस सिस्टम से जोड़ा जा रहा है। साथ ही, लोगों की सफाई निगरानी में भागीदारी बढ़ाने के लिए वाट्सएप ग्रुप से जोड़ा जा रहा है। रोड लाइटों की समस्या का समाधान के लिए रौशन वाट्सएप ग्रुप शुरू किया गया है, इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।
वासुदेव मालावत, प्राधिकारी, नगर निगम कोटा दक्षिण और कोटा उत्तर
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1. जमीनी हकीकत जांचेंगे
रिसर्च प्रालि. गुरुग्राम की टीम 4 जनवरी से किया जाएगा। इसमें सफाई व्यवस्था की जमीनी हकीकत जानी जाएगी।
हकीकत : निगम बोर्ड की जगह प्रशासक हैं। लेकिन सफाई व्यवस्था में बड़े बदलाव नजर नहीं आए हैं। अभी तक कार्य योजनाएं कागजों में ही बन रही हैं। धरातल पर उतारने में समय लगेगा। हालांकि टिपर के संचालन को सुदृढ़ किया जा रहा है। नए कचरा परिवहन सब स्टेशन बनाए जा रहे हैं।
1. जमीनी हकीकत जांचेंगे
रिसर्च प्रालि. गुरुग्राम की टीम 4 जनवरी से किया जाएगा। इसमें सफाई व्यवस्था की जमीनी हकीकत जानी जाएगी।
हकीकत : निगम बोर्ड की जगह प्रशासक हैं। लेकिन सफाई व्यवस्था में बड़े बदलाव नजर नहीं आए हैं। अभी तक कार्य योजनाएं कागजों में ही बन रही हैं। धरातल पर उतारने में समय लगेगा। हालांकि टिपर के संचालन को सुदृढ़ किया जा रहा है। नए कचरा परिवहन सब स्टेशन बनाए जा रहे हैं।
2. कचरा मुक्त शहर
हिन्दुस्तान मोथस एसोसिएट प्रालि कचरा मुक्त शहर के बारे में अध्ययन करेगी और शहर के लोगों से फीडबैक लेगी।
हकीकत : कचरा मुक्त शहर की जगह हालात कचरा युक्त शहर के बने हुए हैं। शहर के सभी कचरा प्वॉइंटों से अभी भी समय पर कचरा नहीं उठता है। इस कारण कचरे में दिनभर मवेशी मुुंह मारते नजर आते हैं। इतना ही नहीं कचरे के कारण बीमारियां फैलने की आशंका रहती है।
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3. जनता से लेंगे फीडबैक
केन्द्रीय शहरी मंत्रालय की टीम शहर की सफाई व्यवस्था के बारे में लोगों से सर्वे में पांच बिन्दुओं पर फीडबैक लेगी।
हकीकत : शहर के कई इलाकों में अभी तक डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण की व्यवस्था शुरू नहीं हो पाई है। टिपरों का संचालन सुचारू नहीं होता है। अब जीपीएस से जोडऩे की तैयारी है। अफसरों ने इंदौर की व्यवस्थाओं का जायजा लिया, अब यहां इसी पैटर्न पर काम शुरू होगा।
3. जनता से लेंगे फीडबैक
केन्द्रीय शहरी मंत्रालय की टीम शहर की सफाई व्यवस्था के बारे में लोगों से सर्वे में पांच बिन्दुओं पर फीडबैक लेगी।
हकीकत : शहर के कई इलाकों में अभी तक डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण की व्यवस्था शुरू नहीं हो पाई है। टिपरों का संचालन सुचारू नहीं होता है। अब जीपीएस से जोडऩे की तैयारी है। अफसरों ने इंदौर की व्यवस्थाओं का जायजा लिया, अब यहां इसी पैटर्न पर काम शुरू होगा।
4. कचरा निस्तारण को देखेंगे
टीम देखेगी कि कचरा निस्तारण वैज्ञानिक तरीके से हो। गीला और सूखा कचरा अलग-अलग एकत्रित होना चाहिए।
हकीकत : पिछले तीन सर्वेक्षण में भी इस बिन्दु पर कोटा को शून्य अंक मिले थे, अब 2020 के सर्वेक्षण में भी वही स्थिति है। नांता स्थित डम्पिंग यार्ड पर कचरे के निस्तारण की कोई व्यवस्था शुरू नहीं की गई है। हालांकि वेस्ट टू एनर्जी के तीन-चार बार टेण्डर मांगे गए हैं, लेकिन सुधार नहीं हुआ है।
5. सर्विस लेवल देखेंगे
केन्द्रीय टीम नगर निगम के रिकॉर्ड और कर्मचारियों से लेकर सेक्टर कार्यालय तक स्थिति देखी जानी प्रस्तावित है।
हकीकत : निगम में प्राधिकारी लगाए जाने के बाद सर्विस लेवल में सुधार हुआ है। प्रत्येक सेक्टर पर निगम के प्रभारी लगाए जाने हैं, जो मौके पर ही लोगों की समस्याओं का समाधान करते हैं। महापौर ऑफिस में कन्ट्रोल रूम है, जहां शिकायतों को इन्द्राज कर 24 घंटे में निपटाया जाता है।