मंदिरों में कोरोना का पहरा लेकिन घरो में पूजा का मिलेगा सौ फीसदी लाभ,ब्रह्म योग के साथ नवरात्र में आएंगे चार सर्वार्थ सिद्धि योग

Chaitra Navratri 2020 राशि के अनुसार करें देवी-देवता की आराधना

<p>मंदिरों में कोरोना का पहरा लेकिन घरो में पूजा का मिलेगा सौ फीसदी लाभ,ब्रह्म योग के साथ नवरात्र में आएंगे चार सर्वार्थ सिद्धि योग</p>
कोटा. इस वर्ष भले ही कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते नवरात्र में होने वाले आयोजनों में कटौती की जा रही हो लेकिन इस वर्ष के नवरात्र कुछ खास संयोग लेकर आएंगे ज्योतिष आचार्यों की माने तो चैत्र नवरात्र में पहले दिन बुधवार होने से ब्रह्मा योग बनेगा। इसके अलावा नवरात्रि के दौरान चार सर्वार्थ सिद्धि योग आएंगे । यह योग नवरात्रि को विशेष सुख समृद्धि दायक बनाएंगे। इन दिनों में किए जाने वाले अनुष्ठान अति शुभ फलदायक होंगे खरीदारी व अन्य दृष्टिकोण से भी यह नवरात्र महत्वपूर्ण रहेंगे।

घर में रहकर ऐसे करें अराधना
इस बार नवरात्र पूर्ण होने की वजह से घर पर ही नो देवी की उपासना की जा सकती है। घर पर अखंड ज्योति जलाए। कोरो ना वायरस संक्रमण के चलते मंदिर के दरवाजे भले ही भक्तो के लिए बन्द हो लेकिन घर को शुद्धता के साथ पूजा पाठ करे। नवरात्रि को सिद्धदात्री कहा जाता है। इन नो दिनों में ही घरों में शुद्धता के साथ पूजा पाठ का अक्षय फल मिलेगा। जिन लोगो को अपने कुल देवी की मान्यता है, ओर वो अपने स्थान पर जाने में असमर्थ होते है तो अपने घर पर ही उन देवी देवताओं की अराधना करते हुए फल फूल चढ़ा सकते है।

सिद्ध योग में नवरात्र पूजा का 100%परिणाम

चैत्र नवरात्र की प्रतिपदा तिथि 24 मार्च को दोपहर 2.58 बजे प्रारंभ होगी, जो अगले दिन शाम 5.27 तक रहेगी, लेकिन नवरात्र का शुभारंभ 25 मार्च से ही माना जाएगा। इसकी वजह यह है कि इसी दिन प्रतिपदा तिथि सूर्य उदयकाल में रहेगी। इस बार किसी भी तिथि का क्षय नहीं होने से नवरात्र पूरे नौ दिन के होंगे और नौ दिनों में 6 सिद्ध योग का खास संयोग होगा। यानी इन योगों में की गई पूजा और कार्य शुभता के साथ संपन्न होते हैं।

ज्योतिषाचार्य अमित जैन ने बताया कि नवरात्रों की पवित्र ज्योत,दीपक,हवन में कपूर गूगल,लोभान,सवरोषधि से वातावरण शुद्ध होगा साथ ही विशेष मनोकामना के लिये किया गया अनुष्ठान पूण होगा। आदिकाल में भी जब -जब महामारी, संकट ,रोग, युद्ध ,एवं राष्ट्र में अशान्ति बनी है तब
हमारे यहाँ वैदिक पूजा से हवन पूजन का विधान बताया है जो इस बार नवरात्र के इन कस्तो से मुक्ति मिलेगी।
राशि के अनुसार करें देवी-देवता की आराधना

देवी-देवता की पूर्ण श्रद्धा और विश्वास से घर पर ही आराधना की जा सकती है

मेष और वृश्चिक राशि

इन दोनों राशियों के स्वामी ग्रह मंगल हैं। हनुमानजी, महाकाली और तारा देवी की आराधना करने के साथ-साथ दुर्गा सप्तशती का पाठ करना शुभ फलदायी होता है।
वृष और तुला राशि

इन दोनों राशियों के स्वामी ग्रह शुक्र हैं, जो रजो गुण प्रधान हैं। इन जातकों को ज्ञान की देवी सरस्वती जी, गणेश जी की आराधना करना शुभ होता है।
मिथुन और कन्या राशि

इन राशियों के स्वामी ग्रह बुध हैं। बुध भी रजो प्रधान ग्रह हैं। इन जातकों को माता दुर्गा, भुवनेश्वरी देवी और मां काली की आराधना करना शुभ फलदायी माना गया है।
कर्क राशि

इस राशि के स्वामी सतो गुण प्रधान चन्द्र ग्रह हैं। इन जातकों को महालक्ष्मी की आराधना करनी चाहिए। श्री सूक्त के पाठ खासा लाभ देता है।

सिंह राशि

इस राशि के स्वामी सतोगुण प्रधान ग्रह सूर्य है। इस राशि के जातकों को सूर्य भगवान, धन की देवी महालक्ष्मी, बंगला मुखी एवं सिद्धिदात्री देवी की आराधना करनी चाहिए।
धनु और मीन राशि

इन दोनों राशियों के स्वामी ग्रह गुरू अर्थात बृहस्पति हैं। ये सतो गुण प्रधान हैं। इन राशियों के जातकों के लिए महालक्ष्मी, कमला और सिद्धिदात्री देवी की आराधना फलदायी है।
मकर और कुंभ राशि

इन दोनों राशियों के स्वामी ग्रह शनि हैं जो तमो प्रधान गुण रखते हैं। इन जातकों को शनि देव और महाकाली की उपासना करनी चाहिए।
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