कोटा में कोरोनावायरस से संक्रमित 1307 नए रोगी मिले, 6 की मौत

कोरोना रोगी अधिक आने के कारण उपचार सुविधाएं उपलब्ध कराने में दिक्कत हो रही है। सरकारी और निजी क्षेत्र के सभी अस्पतालों में रोगी क्षमता से अधिक हो गए हैं। इसलिए लोगों से बचाव उपाय अपनाने की अपील की जा रही है।

<p>कोरबा में एक्टिव मरीज 8 हजार के करीब, पांच दिन में ही आए साढ़े पांच हजार केस</p>
कोटा. कोटा में कोरोना की भीषण लहर चल रही है। हर नए दिन पुराने रेकॉर्ड ध्वस्त होते जा रहे हैं और नए अनचाहे रेकॉर्ड बनते जा रहे हैं। चिकित्सा व्यवस्था डगमगाने लगी है। अस्पतालों को मरीजों के लिए व्यवस्था करने में मशक्कत करनी पड़ रही है। बढ़ते मरीजों के कारण आईसीयू व ऑक्सीजन बेड वाले सरकारी तो क्या निजी अस्पतालों में भी बेड उपलब्ध नहीं हो रहे। हालात यह हैं कि अस्पताल में मरीजों के एक-एक बेड के लिए मशक्कत करना पड़ रही है। बेड, ऑक्सीजन व दवाइयों का टोटा हो गया है। सरकारी रिपोर्ट में सोमवार को 1307 नए संक्रमित मरीज मिल चुके हैं। कोविड से 6 मरीजों की मौत हुई है। लगातार बड़ी तादात में मरीज मिलने से हालात बेकाबू हो चुके हैं।
शहर में बीते दो दिन से वीकेंड कफ्र्यू था। बावजूद इसके लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। बीते 3 दिन में ही 3472 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। 20 मरीजों की मौत हो चुकी है। जिले में एक्टिव केस की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। 26 मार्च को 511 एक्टिव केस थे, जो बढ़कर 6 हजार पार हो चुके हैं। अब 6720 पर पहुंच गए हैं। हालांकि सोमवार को 365 मरीज रिकवर हुए हैं। कोटा के कोविड अस्पताल में कुल 582 मरीज भर्ती हैं। इनमें से 452 मरीज ऑक्सीजन पर पहुंच गए हैं। 295 मरीज पॉजिटिव हैं। नेगेटिव व सस्पेक्टेड 287 मरीज हंै। बाइपेप पर 43 व 1 मरीज वेंटिलेटर पर हैं। कोविड अस्पताल में जनरेशन प्लांट सहित सिलेण्डरों से रोजाना 1500 सिलेण्डर की कै पिसिटी है, लेकिन 1800 ऑक्सीजन सिलेण्डर रोजाना की खपत हो रही है। कोरोना के लगातार मरीज बढऩे से चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से डगमगाती दिख रही है। कोविड अस्पताल के अलावा अब निजी अस्पतालों में आईसीयू बेड नहीं मिल रहे हैं। सभी बेड फुल चल रहे हैं। सुधा अस्पताल के निदेशक डॉ. आर.के. अग्रवाल ने बताया कि अस्पताल में कुल 150 बेड हैं। 36 बेड आईसीयू के हैं, लेकिन सभी फुल चल रहे हैं। पारीक अस्पताल के निदेशक डॉ. के.के. पारीक ने बताया कि 9 बेड आईसीयू व 20 बेड ऑक्सीजन के हैं, लेकिन सब फुल चल रहे हैं। कोटा हार्ट इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. राकेश जिंदल ने बताया कि उनके यहां भी सभी बेड फुल चल रहे हैं।
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