विश्व मजदूर दिवस पर विशेष : प्रदेश के मजदूरों को झटका, साढ़े 5 लाख मजदूरों का पंजीयन होने से पहले ही रदद्

बैंक पासबुक और आधार में पते मेल नहीं खा रहे इसलिए आवेदन निरस्त

<p>बैंक पासबुक और आधार में पते मेल नहीं खा रहे इसलिए आवेदन निरस्त</p>
कोरबा. मजदूरों के आवेदनों मेंं कमी के चलते प्रदेश भर के लाखों मजदूरों का पंजीयन होने से पहले ही रदद् कर दिया गया है। भवन निर्माण कर्मकार वर्ग में लगभग साढ़े 3 लाख मजदूर वहीं असंगठित कर्मकार क्षेत्र के दो लाख मजदूरों का आवेदन श्रम विभाग ने निरस्त कर दिया है।

पिछले कई साल से भवन निर्माण कर्मकार और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को जोडऩे का काम चल रहा है। ऐसे मजदूरों का आवेदन जमा कराने के बाद बकायदा पंजीयन भी कराया जा रहा है। पंजीयन कराने के बाद उन मजदूरों को कार्ड अपलोड भी करना है। लेकिन ऐसे आवेदन जो कि ऑनलाइन दर्ज किए गए थे। उन आवेदनों में खामियां बताकर रदद् किया जा रहा है। ऑनलाइन आवेदन जमा करने के लिए आवेदकों से आधार कार्ड, बैंक पासबुक की फोटो कॉपी मांगी जाती है। बकायदा इसे अपलोड भी किया जा रहा है।
अपलोड करने के बाद उसकी एक कॉपी भी आवेदक को मिल रही है। लेकिन बाद में कहा जा रहा है कि आवेदन में कमियां होने की वजह से इसे रदद् किया जाता है। पूरे प्रदेश भर में पिछले छह महीनों के दौरान साढ़े 5 लाख मजदूरों का आवेदन निरस्त किया जा चुका है। इतने अधिक संख्या में मजदूरों के आवेदनों को निरस्त करने को लेकर भी अब सवाल उठने लगे हैं। दोनों ही वर्ग में कुल ऑनलाइन आवेदन लगभग 21 लाख मजदूरों ने किया था।
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कहां किस योजना के मजदूरों का आवेदन हुआ निरस्त
जिला भवन निर्माण कर्मकार असंगठित कर्मकार
रायपुर 87551 11260 मुंगेली 3987 8529
धमतरी 52575 14479
दुर्ग 23698 48098
राजनांदगांव 23475 55791
कोरबा 7790 1936
बिलासपुर 28849 595
कवर्धा 4559 11263
सरगुजा 13053 1837


साढ़े 6 लाख मजदूरों को तो कार्ड ही नहीं हो सका जारी
दो योजना की बात करें तो प्रदेश भर के साढ़े 6 लाख मजदूरों को तो अब तक कार्ड तक जारी नहीं किया गया है। अंसगठित क्षेत्र के 6 लाख वहीं भवन निर्माण कर्मकार के 63 हजार मजदूरों को अब तक इन योजनाओं के तहत कार्ड जारी नहीं किया गया है। बताया जा रहा है चुनाव के पहले इन हितग्राहियेां को थोक के भाव में जोड़ा गया। लेकिन आचार संहिता लगने के बाद कार्ड जारी नहीं किया जा रहा है।


दोनों ही योजना के 40 योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा श्रमिकों को
दोनों ही योजनाओं के 40 योजनाओं का लाभ लेेने से मजदूर वर्ग वंचित रह गया। मजदूर वर्ग के ऑनलाइन फार्म में त्रुटी का तर्क देकर इनको निरस्त कर दिया गया। एक फार्म के पीछे 500 रूपए तक मजदूरों ने खर्च किए थे। कई का आधार कार्ड बैंक से लिंक नहीं है। तो वहीं कहीं आधार कार्ड और बैंक पासबुक के पते से मेल नहीं खा रहा है। इतनी छोटी कमियों के आधार पर लाखों मजदूरों का फार्म निरस्त कर दिया गया है।


मजदूर जुडे लेकिन औजार मिल रहा ना ही उनके बच्चों को छात्रवृत्त्ति
पूर्व सरकार ने मजदूरों व उनके परिवार को साधने के लिए दो दर्जन योजनाएं तो बनाई। पर ये योजनाएं मजदूरों तक कभी नहीं पहुंची। हालिया स्थिति ये है कि प्रदेश में इन योजनाओं के लगभग 90 हजार मांग पत्र अब तक पेंडिंग है। मजदूरों को ना तो औजार मिल रहा है ना तो उनके बच्चों को छात्रवृत्ति। पिछले एक साल से मजदूर सिर्फ दफ्तरों के चक्कर लगा रहा है।


किस योजना के कितने आवेदन लंबित
नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना 28074
मुख्यमंत्री श्रमिक औजार सहायता योजना 15260
मुख्यमंत्री सायकल सहायता योजन 18785
मुख्यमंत्री निर्माण मजदूरों का कौशल विकास 3772
मुख्यमंत्री निर्माण मजदूर सुरक्षा उपकरण सहायता 14192
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना 959
मुख्यमंत्री सिलाई मशीन सहायता योजना 903
राजमाता विजयाराजे कन्या विवाह सहायता 765
भगिनी प्रसूति सहायता योजना 388


कई जगह सिलाई की कौशल विकास की ट्रेनिंग बंद, इसलिए मशीन नहीं बांट रहे
प्रदेश के कई जिलों में महिलाओं को सिलाई की कौशल विकास की ट्रेनिंग बंद कर दी गई है। इस वजह से अब इन मजदूरों को सिलाई मशीन नहीं मिल पा रहा है। शासन ने नई गाइडलाइन जारी कर दी गई है कि बगैर कौशल विकास की ट्रेनिंग के मशीनें नहीं दी जाएगी। इसलिए कोरबा में भी 3 सौ से अधिक मशीनें अब तक बंट नहीं सकी है।


-एक बार आवेदन निरस्त होने के बाद दूसरे बार आवेदन करने का मौका फिर से श्रमिकों को दिया जाता है। वे अगर दूसरी बार आवेदन पूरे दस्तावेजों के साथ करते हैं तो उनका भविष्य में पंजीयन हो जाएगा। जिन योजनाओं के लिए मांग अब तक पूरी नहीं हो सकी है उनको आचार संहिता के बाद जिलेवार सामग्री का वितरण कराया जाएगा।
-सुबोध सिंह, सचिव, श्रम विभाग
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