01. हरदीबाजार से उरगा
लागत: 8101.39 लाख
दूरी: 13.74 किमी
हरदीबाजार से उरगा को जोडऩे के लिए यह सड़क बनाई जा रही है। ताकि भारी वाहन दीपका-हरदीबाजार से उरगा होकर कोरबा शहर से बाहर की ओर निकल सके। इसके लिए जिस रूट को चिंहित किया गया है उसके मुताबिक करकीडबरी, धतूरा, नवापारा, मुड़ापार, मुढ़ाली, दर्री, भर्राकूड़ा, महुवाडीह, अखरापाली, गंडेई, बिरदा, भलपहरी से सड़क तरदा से जुड़ जाएगी। तरदा से उरगा तक डबललेन सड़क पहले से ही काम चल रहा है। लगभग 14 किमी की सड़क टू लेन की होगी।
02. तरदा से सर्वमंगला तक
लागत: 1913.28 लाख
दूरी: 7.90 किमी
तरदा से सर्वमंगला तिराहे तक भी सड़क का चौड़ीकरण होगा। इस सड़क को अब 7 मीटर चौड़ाई तक चौड़ीकरण किया जाएगा। ये सड़क टू लेन की होगी। इस दोनों के बीच भारी वाहनों का परिवहन पिछले कई साल से जारी है। भारी वाहनों की वजह से नहर मार्ग में कई बार हादसा हो चुका है। नहर में गाडिय़ां गिर चुकी है। इसका चौँड़ीकरण जरूरी है। ताकि छोटे वाहनों के साथ बड़े वाहनों का आवागमन आसानी से हो सके। कुसमुंडा खदान की ओर से भारी वाहन भी उरगा की ओर से सीधे बाहर निकल सकेंगे।
03. सर्वमंगला से इमलीछापर तक फोरलेन
लागत: 5032.01 लाख
दूरी: 5.50 किमी
सबसे बहुप्रतिक्षित इस सड़क के फोरलेन के लिए अब जाकर एसईसीएल ने सहमति दी है। सर्वमंगला मंदिर तिराहे से लेकर बरमपुर मोड़ से इमलीछापर कुसमुंडा तक की सड़क की हालत बेहद जर्जर व संकरी है। इस वजह से सड़क पर घंटो जाम की स्थिति रहती है। दुर्घटनाएं होती रहती है। यह सड़क अब फोरलेन बनेगी। इसकी कुल लागत 50 करोड़ से अधिक की आएगी। लगभग 6 किमी की इस सड़क को फोरलेन किया जाएगा।
04. दर्री से बरबसपुर तक फोरलेन
दूरी: 7 किमी
लागत: 97 करोड़
दर्री से बरबसपुर तक फोरलेन का भूमिपुजन राजस्व मंत्रीजयसिंह अग्रवाल और महापौर कर चुके हैं। आचार संहिता लगने की वजह से आगे की प्रक्रिया रूकी हुई है। बहुत जल्द वर्कआर्डर के बाद काम शुरू होगा। कटघोरा से कोरबा-चांपा तक फोरलेन के लिए बरबसपुर से रूट डायवर्ट कर दिया गया है। इस 7 किमी तक की सड़क के फोरलेन की मांग लंबे समय से की जा रही थी। अब जाकर इसका काम शुरू होगा।
05. सीतामणी से बरबसपुर
दूरी: 6 किमी
लागत: 84 करोड़
सीतामणी से बरबसपुर तक भी फोरलेन का काम आचार संहिता खत्म होने के बाद शुरू होगा। यह सड़क भी ब्लैक स्पॉट में शामिल है। भारी वाहनों का दबाव भी अधिक है। मानिकपुर खदान जाने वाले कोयला लोड गाडिय़ों के दबाव से छोटे वाहनों को चलने में परेशानी होती है । लिहाजा अब फोरलेन के बनने से काफी राहत मिलेगी। इसकी तैयारी निगम ने पूरी कर ली है।