WEST BENGAL—कोरोना पर भारी आस्था, शीतला माता की भक्ति में डूबा उत्तर हावड़ा
ऐतिहासिक शीतला माता स्नानयात्रा में उमड़ी आस्था
<p>WEST BENGAL—कोरोना पर भारी आस्था, शीतला माता की भक्ति में डूबा उत्तर हावड़ा</p>
BENGAL NEWS-हावड़ा। कोविड-19के खौफ के बावजूद शुक्रवार को उत्तर हावड़ा के 500 साल पुराने ऐतिहासिक शीतला माता स्नानयात्रा में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। माघी पूर्णिमा पर पूरा उत्तर हावड़ा आरोग्य प्रदायिनी शीतला माता की भक्ति में डूबा रहा और पूरा वातावरण शीतला माता के गगनभेदी जयकारों से गूंजा। स्नानयात्रा नगर भ्रमण पर निकली और गंगा में स्नान करके अपने मंदिर वापस लौटी। माघी पूर्णिमा के दिन सलकिया अंचल के 482 वर्ष प्राचीन इस ऐतिहासिक शीतला माता स्नानयात्रा में सूर्योदय के साथ श्रद्धालुओं का सैलाब शीतला माता को पूर्ण समर्पण के साथ रिझाने में जुट गया। शुरूआत इसके मुख्य केन्द्र सालकिया के अरविन्द रोड स्थित बड़ी शीतला माता मंदिर और बंाधाघाट स्थित गंगाघाट के मध्य हुई। व्रती श्रद्धालुओं ने बांधाघाट में गंगा में स्नान कर वहीं से बड़ी शीतला माता मंदिर तक दंडवत प्रणाम (दंडी प्रणाम) करते हुए प्रथम चरण की पूजा की। राज्य के मंत्री अरुप राय, पूर्व मंत्री व उत्तर हावड़ा विधायक लक्ष्मीरतन शुक्ला, पूर्व एमएमआइसी गौतम चैधरी सहित अनेक गणमान्य लोगों ने बड़ी मां मंदिर पहुंचकर दर्शन किए। गोलाबाड़ी से घुसुड़ी, पिलखाना से लेकर लिलुआ और कोना से सलकिया तक शीतला माता के जयकारों से पूरा वातावरण गूंजता रहा। तीन दशक से इस आयोजन के प्रचार प्रसार में जुटे पत्रकार सुरेश कुमार भुवालका नें बताया कि स्नान शोभायात्रा में बैंड-बाजों के साथ पालकियों पर सवार शीतला माता की झांकियों को गंगाघाट ले जाकर स्नान कराने और पुन: उन्हें उनके मंदिरों में ले जाकर स्थापित करने का क्रम जारी रहा। लगभग 100 शीतला माताओं को पालकी में सजाकर गंगाघाट लाया गया।गर्मी में वातावरण को शीतल रखने और लोगों की चेचक जैसे रोगों से रक्षा करने की सामूहिक प्रार्थना के उद्देश्य से आयोजित इस पर्व पर न केवल राज्य के विभिन्न हिस्सों से हजारों लोग शामिल हुए। पुलिस-प्रशासन के साथ स्थानीय स्वयंसेवी संगठनों ने भी कोरोना के प्रति निरंतर लोगों को जागरुक करने का कार्य किया। हावड़ा वेलफेयर ट्रस्ट की ओर से व्यापक स्तर पर पेयजल आपूर्ति का बंदोवश्त था। ट्रस्ट के सेवा कार्य प्रभारी सत्यनारायण खेतान ने बताया कि ट्रस्ट की 3 बड़ी जलवाहिनियों व 5 मोबाइल पेयजल वाहिनियां प्रमुख स्थानों पर श्रद्धालुओं के लिये शुद्ध पेयजल के साथ उपलब्ध थी। पश्चिम बंग तुला व्यवसायी समिति, द उत्तर हावड़ा सेवा समिति (गोपाल भवन बांधाघाट), रामभक्त मण्डल सहित अनेक समाजसेवी संस्थाएं सेवा में सक्रिय रहे।