बांग्लादेश हिंसा पर अपनी-अपनी गोटियां बिछाने में जुटे राजनीतिक दल, पश्चिम बंगाल विधानसभा उपचुनाव:

हिन्दू मतदाताओं के धु्रवीकरण की कोशिश में भाजपा- अल्पसंख्यक वोट बैंक को अटूट रखने के लिए केन्द्र पर वार कर रही तृणमूल

<p>बांग्लादेश हिंसा पर अपनी-अपनी गोटियां बिछाने में जुटे राजनीतिक दल, पश्चिम बंगाल विधानसभा उपचुनाव:</p>
कोलकाता. kolkata, wet bengal
पश्चिम बंगाल में आसन्न विधानसभा के चार उपचुनावों को लेकर तृणमूल कांग्रेस और भाजपा ने अपनी-अपनी गोटियां बिछाने का काम शुरू कर दिया है। भाजपा ने बांग्लादेश में जारी सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ राज्य में धु्रवीकरण के अपने प्रयास तेज किए हैं। वहीं तृणमूल कांग्रेस अल्पसंख्यक मतों को सहेजे रखने के लिए इस मामले पर केन्द्र की मोदी सरकार को निशाने पर ले रही है।
भाजपा दिनहाटा, शान्तिपुर, गोसाबा, खड़दह विधानसभा क्षेत्र के उन बांग्लाभाषी मतदाताओं को पाले में लाने की कोशिश कर रही है जो बांग्लादेश से आकर यहां बसे हुए हैं। इनमें शान्तिपुर में बसे मतुआ समुदाय के लोग भी शामिल हैं।
अल्पसंख्यक वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए तृणमूल नेता और राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमले के बहाने भारत के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा है कि सभी देशों में अल्पसंख्यकों की रक्षा होनी चाहिए। मोदी सरकार के समय में देश के अल्पसंख्यक असुरक्षित हुए हैं।
इधर भाजपा बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हुए हमले के साथ ही बंगाल के कुछ दुर्गा पूजा पंडालों में हुए तोडफ़ोड़ के मुद्दे को उठा रही है। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने अपने ट्वीट में लिखा कि पूर्व मेदिनीपुर जिला के एगरा सेंट्रल बस अड्डा स्थित पूजा पंडाल में तोडफ़ोड़ की गई। आला पुलिस अधिकारियों ने मामले को दबाने के लिए वहां की प्रतिमा का विसर्जन करवा दिया। क्या बंगाल भी बांग्लादेश बनने जा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष शुभेन्दु अधिकारी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि बांग्लादेश में हमले के मद्देनजर पूर्व मेदिनीपुर के कोलाघाट के एक पूजा पंडाल के बाहर पुलिस तैनात है। प्रशासन वहां तोडफ़ोड़ होने की आशंका से डरा हुआ है। बंगाली हिन्दुओं की एकलौते मातृ भूमि की ऐसी स्थिति के बारे में छद्म और कथित बुद्धिजीवियों का क्या कहना है। कांग्रेस सांसद प्रो. प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि बांग्लादेश में हमले को लेकर तृणमूल और भाजपा को रजनीति नहीं करनी चाहिए।
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