भाजपा ने सबसे हॉट सीट नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र से शुभेंदु अधिकारी को टिकट देते हुए बंगाल के पहले और दूसरे चरण के चुनाव के लिए 57 उम्मीदवारों की सूची जारी की। कभी ममता बनर्जी के अहम सिपहसालार रहे शुभेंदु अब नंदीग्राम में उनसे महामुकाबला करेंगे। इसके साथ ही दोनों में मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है। करीब दो लाख मतदाताओं वाली नंदीग्राम सीट अब वो सीट बन गई है, जिस पर पूरे देश की निगाहें होंगी।
देखना दिलचस्प होगा कि टीएमसी में रहते हुए इस सीट पर बड़ी जीत दर्ज करने वाले शुभेंदु अधिकारी भाजपा में शामिल होकर ममता बनर्जी का सामना किस तरह से कितने सफल तरीके से कर पाते हैं।
ममता बनर्जी ने अपने राजनीतिक जीवन को नंदीग्राम से ही ऊँचाई दी थी। इसलिए नंदीग्राम उनके लिए बेहद खास जगह है। उन्होंने अपनी परम्परागत भवानीपुर सीट छोड़ दी है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने शनिवार को दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पहले और दूसरे चरण के लिए कुल 57 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया। क्रिकेटर से नेता बने अशोक डिंडा और पूर्व आईपीएस अफसर भारती घोष को भी बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया है।
बेहद मजबूत किला है तृणमूल का
पिछली बार 2016 में शुभेंदु ने तृणमूल कांग्रेस में रहते हुए नंदीग्राम से ही जीत दर्ज की थी। उन्होंने सीपीआई के अब्दुल कबीर शेख को करीब 80 हजार वोटों से हराया था। इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी बिजन कुमार दास को सिर्फ 10 हजार 713 वोट मिले थे।
बेहद मजबूत किला है तृणमूल का
पिछली बार 2016 में शुभेंदु ने तृणमूल कांग्रेस में रहते हुए नंदीग्राम से ही जीत दर्ज की थी। उन्होंने सीपीआई के अब्दुल कबीर शेख को करीब 80 हजार वोटों से हराया था। इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी बिजन कुमार दास को सिर्फ 10 हजार 713 वोट मिले थे।
नंदीग्राम से 6 बार कांग्रेस, 10 बार सीपीआई जीत चुकी है, जबकि लगातार तीन बार से टीएमसी जीतती आ रही है। यह टीएमसी का बेहद मजबूत किला माना जाता है। 1977 में इस सीट पर एक बार जनता पार्टी भी विधानसभा चुनाव जीत चुकी है। शुभेन्दु अधिकारी के पिता और सांसद शिशिर अधिकारी ने दावा किया कि पूर्व मेदिनीपुर में ममता बनर्जी का कोई आधार नहीं था।
हम लोग जिले में उनको नहीं लाते तो वे इन दिनों इतनी बड़ी-बड़ी बातें नहीं करतीं। उन्हें इसका अंदाजा नहीं है कि वे नंदीग्राम से कितने अधिक वोट से हारेंगी।