कोरोना से सेल बाजार को धक्का, दुकानदारों में मायूसी

– बाजार खुले पर खरीदारों की संख्या बेहद कम- पोइला बैशाख को लेकर बिक्री प्रभावित होने की आशंका

<p>कोरोना से सेल बाजार को धक्का, दुकानदारों में मायूसी</p>

कोलकाता. बांग्ला नववर्ष के पहले हर साल चैत्र सेल से महानगर के बाजार गुलजार रहते थे पर इस बार कोरोना वायरस की वजह से बिक्री प्रभावित हो रही है। बाजार खुले होने के बाद खरीदारों की संख्या अंगुलियों में गिनी जा सकती है।

बाजार में लोगों की संख्या कम होने कारण दुकानदारों में मायूसी देखी जा रही है। वे चिन्तित हैं। उनका कहना है कि ऐसी परिस्थिति सामने आ खड़ी हुई है। लोगों घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। सिनेमाघरों, पर्यटन स्थलों के बंद होने से लोग बिल्कुल नहीं निकल रहे हैं।
हाथीबागान के व्यवसायी राजू दास का कहना है कि साल में दो मौकों का हमें इंतजार रहता है। दुर्गापूजा और पोइला बैशाख। पोइला बैशाख की खरीदारी में लोग गर्मी के मौसम के अनुकूल कपड़े खरीदते थे। इस बार जबरदस्त नुकसान उठना पड़ेगा। व्यवसायी सुभाष का कहना है कि हम सिर्फ प्रार्थना कर रहे हैं कि स्थिति में जल्द सुधार हो। अप्रेल महीने की शुरुआत पर हमारी नजर है ताकि सब ठीक रहे तो हमारी बिक्री अच्छी रहे।

खरीदारों में भय का माहौल
सुमन लता का कहना है कि अप्रेल की शुरुआत में वेतन मिलते ही हमें खरीदारी करनी थी। स्थिति जो दिख रही है उसमें तो यह लग रहा है कि घर से बाहर मत निकलो। शॉङ्क्षपग मॉल में भी भीड़ काफी कम है। कहीं-कहीं तो प्रवेश करने वाले लोगों की जांच की जा रही है। सावधानियां सभी बरत रहे हैं।

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इनका कहना है

मार्केट की हालत काफी खराब है। सब बन्द हो रहे हैं। वैसे में हम सभी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। होलसेल जब तक बन्द नहीं होता तब तक खुदरा बाजार खुला रहेगा। कुल 800 से अधिक लोग इस मार्केट से जुड़े हैं। हाथीबागान में कच्चा सामान का भी बाजार है। लोगों को असुविधा न हो इसलिए वह खुला है। हम आशा करते हैं कि स्थिति नियन्त्रण में आ जाए। बंगालियों का पोइला बैशाख काफी महत्वपूर्ण होता है। वैसे ही बाजार की हालत खराब है उस पर कोरोना की वजह से और भी मार खा रहा है। हर साल इस समय पूरा बाजार लोगों से भरा रहता था, वही अभी एक्के-दुक्के लोग ही नजर आ रहे हैं।
अमल कुमार दास, सचिव, नार्थ कोलकाता हाथीबागान मर्चेंट वेलफेयर एसोसिएशन

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बाजार की हालत काफी दयनीय है। यहां पर 80 प्रतिशत ऐसे हॉकर हैं जो एक दिन भी बन्द रखते हैं तो उनके यहां चूल्हा नहीं जलेगा। साथ ही रोज की बिक्री के बाद ही उसी पैसे से दूसरे दिन के लिए सामान खरीदकर बेचते हैं। ऐसे में कोरोना को लेकर हम सभी चिन्ता में है। रोजाना पांच से सात हजार से अधिक का व्यवसाय करने वाले सभी कम कारोबार से निराश हैं। हम शुक्रवार को बैठकर सभी हाकरों से सावधान रहने को कहेंगे। मास्क लगाने तथा ग्राहकों को सामान दिखाने के बाद हाथ धोने की सलाह देंगे।

देबराज घोष, महासचिव, गरियाहाट इंदिरा हॉकर्स यूनियन

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