काला रॉयल बंगाल टाइगर सुन्दर वन में ? कैसे ? जाने

– एक मछुआरे को उठा ले गया काला बाघ
-जांच में जुटी वन विभाग की टीम

<p>काला रॉयल बंगाल टाइगर सुन्दर वन में ? कैसे ? जाने</p>


सुन्दरवन . दक्षिण 24 परगना के सुन्दरवन के जंगल में काले रंग के बाघ होने का दावा मछुआरों ने किया है। इसके बाद से वन विभाग तथा विशेषज्ञ सच्चाई जानने में जुट गए हैं। दूसरी ओर जंगल में लगाए गए कैमरे में भी किसी काले बाघ के होने की पुष्टि नहीं हो पाई है। सूत्रों के अनुसार रविवार की सुबह झीलर दो नम्बर जंगल में तीन मछुआरे केकड़ा पकडऩे गए थे। तभी एक बाघ ने उन पर हमला कर दिया और एक मछुआरे को उठाकर ले गया। इस दौरान अन्य दो मछुआरे आश्चर्य में पड़ गए क्योंकि बाघ सामान्य बाघ की तरह दिखने में नहीं था। दो मछुआरों ने आकर जो विवरण दिया उससे वन विभाग भी आश्चर्य में है। क्योंकि मछुआरों ने बताया की हमला करने वाला बाघ काले रंग का था और सामान्य बाघ की तुलना में आकार में काफी बड़ा था। इसके बाद वन विभाग के अधिकारी व विशेषज्ञ इस तथ्य की सच्चाई जानने में जुट गए हैं। वन विभाग के लोगों का कहना है कि घटना स्थल से मिले बाघ के पैरों की छाप भी सामान्य से बड़ी ही थी। विशेषज्ञों का कहना है कि सभी बाघों के पैरों की छाप अलग-अलग होती है। यदि बाघों में पीले से काले रंग के सेल अधिक पाए जाते है तो बाघ कई बार काले नजर आते हैं। सम्भवत: बाघ कीचड़ में सने होने के कारण भी काले दिख सकता है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार बाघों की गणना के दौरान भी किसी काले बाघ के होने का पता नहीं चला था। मामले की खोजबीन की जा रही है। यदि काला बाघ है तो नए सिरे से शोध की गुजाइंश होगी।

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