इस कारण से मां बनने का सपना चकनाचूर

डॉक्टरों की अज्ञानता से मिदनापुर की गौरी नायक के मां बनने के सपने पल भर में चकनाचूर हो गए। नौ महीने से वह इस सपने को संजोए हुए थी। अक्टूबर महीने में मां दुर्गा के सपरिवार आगमन से उसका मन प्रफूल्लित था कि वह भी इस पावन पर्व के मौके पर मां बनने वाली है पर नसीब का दोष कहा जाए, या चिकित्सा व्यवस्था का मजाक? एक लंबे अंतराल के बाद उसे बताया गया कि वह गर्भवती नहीं है।

<p>इस कारण से मां बनने का सपना चकनाचूर</p>
नौ महीने बाद महिला को गर्भवती नहीं होने का पता चला
चिकित्सा व्यवस्था ने उड़ाया खुद का मजाक
कोलकाता. डॉक्टरों की अज्ञानता से मिदनापुर की गौरी नायक के मां बनने के सपने पल भर में चकनाचूर हो गए। नौ महीने से वह इस सपने को संजोए हुए थी। अक्टूबर महीने में मां दुर्गा के सपरिवार आगमन से उसका मन प्रफूल्लित था कि वह भी इस पावन पर्व के मौके पर मां बनने वाली है पर नसीब का दोष कहा जाए, या चिकित्सा व्यवस्था का मजाक? एक लंबे अंतराल के बाद उसे बताया गया कि वह गर्भवती नहीं है।

दूसरी रिपोर्ट पॉजिटिव
गौरी नायक (40) मिदनापुर सदर ब्लॉक धेड़ूया ग्राम पंचायत अंतर्गत चाईपुर गांव की रहने वाली है। सूत्रों के अनुसार गौरी मई महीने में पेट दर्द की शिकायत लेकर स्वास्थ्य केंद्र पहुंची थी। डॉक्टर ने सारे लक्षण देखने के बाद बताया कि वह गर्भवती है। पहली बार प्रेगनेंसी टेस्ट के दौरान नेगेटिव रिपोर्ट आई । दूसरी बार निजी स्वास्थ्य केंद्र में प्रेगनेंसी टेस्ट करवाने पर रिपोर्ट पॉजिटिव आई।

खुशी की लहर
गौरी के गर्भवती होने की पुष्टि होने पर घर में खुशी की लहर दौड़ गई। इसके बाद सरकारी योजना मां व शिशु सुरक्षा योजना के तहत उसका नाम भी जोड़ दिया गया। गौरी को लगातार आवश्यक चेकअप के लिए स्वास्थ्य केंद्र बुलाया गया। साथ ही उसे आवश्यक दवा, वैक्सीन और इंजेक्शन भी दिए गए।

और अंत में उम्मीद धराशायी
चिकित्सकों ने बताया था कि अक्टूबर महीने में गौरी बच्चे को जन्म देगी। डॉक्टर ने गौरी को आखिरी जांच अल्ट्रासोनोग्राफी करवानी की सलाह दी। घरवाले चेकअप के लिए मेदनीपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे। वहां पर चिकित्सकों ने यूएसजी सहित कई जांच करवाई। अंत में रिपोर्ट देखने के बाद चिकित्सकों ने उसे बताया कि वह गर्भवती नहीं है। यह सुनकर गौरी एवं परिजन स्तब्ध रह गए। गौरी का भी मन खराब हो गया। मां बनने की उम्मीद धराशायी हो गई।

सोनोग्राफी जरूरी
इस संबंध में अस्पताल के चिकित्सक व स्वास्थ्य केंद्र की इंचार्ज अंजलि सेनापति ने कहा कि उसे बार-बार कहा जा रहा था कि सोनोग्राफी करवा लो, पर वह नहीं करवा रही थी। यदि सोनोग्राफी वक्त से हो जाती तो सब कुछ साफ हो जाता। किसी तरह की कोई भ्रम की स्थति नहीं रहती। अब गौरी और परिजनों को मानसिक परेशानी हो गई।
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