बंगाल में स्वास्थ्य योजना का लाभ सबको देने की घोषणा

एक दिसंबर 2020 से राज्य के सभी लोगों पर लागू होगा

<p>बंगाल में स्वास्थ्य योजना का लाभ सबको देने की घोषणा</p>
कोलकाता. पश्चिम बंगाल में 2021 में होने वाले विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को घोषणा की कि सरकार द्वारा चलाई जा रही ‘स्वास्थ्य साथी’ योजना का लाभ अब प्रदेश के सभी लोगों को मिलेगा। यह फैसला एक दिसंबर, 2020 से राज्य के सभी लोगों पर लागू होगा, चाहे उनका धर्म, जाति, संप्रदाय या पेशा कुछ भी हो। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि इससे पहले हमने ‘स्वास्थ्य साथी’ के तहत कम से कम 7.5 करोड़ लोगों को लाभ देने का फैसला लिया था। आज मैं घोषणा करती हूं कि इस योजना के तहत पश्चिम बंगाल के प्रत्येक परिवार, प्रत्येक व्यक्ति, बुजुर्ग, बच्चे या महिला सभी को इस योजना के तहत लाभ मिलेगा, फिर चाहे वे किसी भी धर्म को मानने वाले हों। उन्होंने कहा कि योजना का लाभ लेने के लिए प्रत्येक परिवार को एक स्मार्ट कार्ड दिया जाएगा। ममता बनर्जी द्वारा औपचारिक रूप से दिसंबर 2016 में शुरू की गई इस योजना के तहत लोगों को प्रतिवर्ष पांच लाख रुपये का बीमा कवर प्राप्त होगा।
उन्होंने राज्य सचिवालय में मीडिया से मुखातिब होकर दावा किया कि राज्य में व्यापक बीमा परियोजना के अंतर्गत 7.5 करोड़ उपभोक्ताओं को लाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विभिन्न निजी अस्पतालों में इसके जरिए इलाज की सुविधा रहेगी। इसके तहत 5 लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की इस परियोजना के तहत महिला सशक्तिकरण का संदेश दिया गया है क्योंकि स्वास्थ्य साथी कार्ड महिलाओं के नाम पर जारी किया गया है। उन्होंने राज्य वासियों का आह्वान करते हुए कहा कि जिन लोगों का भी नाम इस बीमा परियोजना के अंतर्गत पंजीकृत नहीं है वे निश्चित तौर पर अपने आप को पंजीकृत करें। उन्होंने कहा कि एक दिसंबर से स्वास्थ्य साथी परियोजना का कार्ड वितरण शुरू हो जाएगा।
डिजिटल पहचान भी सुनिश्चित
यह स्मार्ट कार्ड है जिसके जरिए न केवल इलाज की सुविधा होगी बल्कि डिजिटल पहचान भी सुनिश्चित की जा सकेगी। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत से ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल को अलग कर लिया है। इसे लेकर उनकी निन्दा होती रही है। हालांकि मुख्यमंत्री लगातार यह कहती रही थीं कि बंगाल में पहले से ही स्वास्थ्य बीमा के लिए स्वास्थ्य साथी योजना लागू है। इसलिए आयुष्मान भारत को लागू करने का कोई औचित्य नहीं है
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