उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा से संबंधित नोडल एजेंसियाँ आपसी समन्वय बनायें। अपेक्षा की कि समस्त संबंधित एजेंसियाँ एकजुट होकर काम करें ताकि दुर्घटनाओं की रोकथाम प्रभावी ढंग से की जा सके और असमय होने वाली मृत्यु से लोगों बचाया जा सके।
यातायात प्रभारी अपनी जिम्मेदारी निभाएं
एडीजी सागर ने जिलों के यातायात प्रभारियों को जिम्मेदारी का एहसास कराते हुए कहा कि यदि वे पूर्ण समर्पण से नियमानुसार कार्य करें, तो 80 प्रतिशत दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि ओव्हर-लोडिंग और ओव्हर-स्पीडिंग वाले वाहनों के साथ किसी भी प्रकार की रियायत नहीं बरती जाये। आवश्यक जाँच-पड़ताल करें, नियमानुसार कार्यवाही करें और लोगों को जागरूक करें।
एडीजी सागर ने जिलों के यातायात प्रभारियों को जिम्मेदारी का एहसास कराते हुए कहा कि यदि वे पूर्ण समर्पण से नियमानुसार कार्य करें, तो 80 प्रतिशत दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि ओव्हर-लोडिंग और ओव्हर-स्पीडिंग वाले वाहनों के साथ किसी भी प्रकार की रियायत नहीं बरती जाये। आवश्यक जाँच-पड़ताल करें, नियमानुसार कार्यवाही करें और लोगों को जागरूक करें।
जिला समितियाँ क्रैश इन्वेस्टिगेशन करें
एडीजी सागर ने कहा है कि जिला-स्तरीय समितियों को सड़क दुर्घटना स्थलों पर जाकर तत्परतापूर्वक क्रैश इन्वेस्टिगेशन करना होगा। इससे दुर्घटना के वास्तविक कारणों का पता चल सकेगा। साथ ही रोकथाम के समुचित उपाय किये जाने में आवश्यक सहायता मिल सकेगी।