कटनी-जबेरा बेल्ट में क्रूड ऑयल और प्राकृतिक गैस की खोज भी काफी समय से ओएनजीसी कर रहा था। यदि इन सात जिलों में तेल और गैस निकलती है तो प्रदेश सरकार को राजस्व, लोगों को रोजगार मिलेगा। सरकार ने ओएनजीसी को 3 वर्ष का समय दिया है। रिपोर्ट केंद्र को सौंपनी होगी। बताया जाता है कि सातों जिलों के 13 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में गैस और तेल होने की संभावनाओं के लिए चिह्नित किया है। इसके लिए पांच ब्लॉक बनाए गए हैं। इसकी सूचना संबंधित कलेक्टरों को भेजी गई है, ताकि स्थानीय प्रशासन स्तर से किसी तरह की आपत्तियां सामने न आएं।
कटनी में प्राकृतिक गैस और तेल मिला
कटनी-जबेरा ब्लॉक में तेल व प्राकृतिक गैस की जानकारी ओएनजीसी के सर्वे में सामने आई है। एजेंसी पता लगा रही है कि क्षेत्र में कितनी मात्रा में ये है। इसके लिए एजेंसी अलग से सर्वे रिपोर्ट तैयार कर रही है। ओएनजीसी ने ही इसकी पुष्टि की है कि इन सात जिलों में भी गैस और तेल होने की संभावना है।
कटनी-जबेरा ब्लॉक में तेल व प्राकृतिक गैस की जानकारी ओएनजीसी के सर्वे में सामने आई है। एजेंसी पता लगा रही है कि क्षेत्र में कितनी मात्रा में ये है। इसके लिए एजेंसी अलग से सर्वे रिपोर्ट तैयार कर रही है। ओएनजीसी ने ही इसकी पुष्टि की है कि इन सात जिलों में भी गैस और तेल होने की संभावना है।
इन जिलों में मिले ब्लॉक
दमोह, पन्ना, सतना, कटनी, छतरपुर, नरसिंहपुर और सागरमें ब्लॉक मिले हैं। क्या होगा फायदा
हजारों स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे
सरकार को करोड़ों रुपए की रॉयल्टी मिलेगी
डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड की तय राशि मिलेगी
कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी के तहत विकास कार्य होंगे।
दमोह, पन्ना, सतना, कटनी, छतरपुर, नरसिंहपुर और सागरमें ब्लॉक मिले हैं। क्या होगा फायदा
हजारों स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे
सरकार को करोड़ों रुपए की रॉयल्टी मिलेगी
डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड की तय राशि मिलेगी
कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी के तहत विकास कार्य होंगे।