kishangarh_शर्तों के बोझ में दबे उद्यमी, नहीं हो सका कारोबार शुरू

मार्बल औद्योगिक क्षेत्र में सड़कें रही सूनी, फैक्ट्रियां रही बंदनाममात्र की फैक्ट्रियों में हुई साफ सफाई, वह भी दोपहर बाद बंद

<p>kishangarh_शर्तों के बोझ में दबे उद्यमी, नहीं हो सका कारोबार शुरू</p>
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मदनगंज-किशनगढ़.
राज्य सरकार की ओर से लागू लॉकडाउन -03 के बाद मार्बल मंडी में 45 वें दिन मंगलवार को भी औद्योगिक गतिविधियां शुरू नहीं हो सकी। मार्बल औद्योगिक क्षेत्र में दिनभर सड़कें सूनी रही और फैक्ट्रियों एवं गोदामों पर ताले लटके रहे। हालांकि कुछेक फैक्ट्रियां और गोदाम खुले भी लेकर साफ सफाई कार्य के बाद दोपहर बाद वह भी पुन: बंद हो गए। सरकार की सख्त एडवायजरी और जिला प्रशासन की कड़ी शर्ताे के साथ मार्बल मंडी में पूर्व की भांति कारोबार शुरू होने पर फिलहाल संशय ही नजर आ रहा है।
कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिए उठाए गए लॉकडाउन के निर्णय के बाद स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों, रीको के अधिकारियों एवं किशनगढ़ मार्बल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मंगलवार से औद्योगिक गतिविधियां शुरू करने का निर्णय लिया। लेकिन सरकार की एडवायजरी और शर्तों की सख्ती से पालना कराने का भी फैसला हुआ। लेकिन इन सख्त शर्तों के चलते अधिकांश उद्यमियों और व्यापारियों ने ना तो अपने औद्योगिक प्रतिष्ठान खोले और ना ही फैक्ट्रियों में औद्योगिक गतिविधियां शुरू की।
तकनीकी मजदूरों की बड़ी समस्या
फैक्ट्रियों के बंद होने से ज्यादातार तकनीकी मजदूर लॉकडाउन के दौरान ही अपने घर चले गए। इनके साथ ही लोडिंग और अनलोडिंग से जुड़े मजदूर भी काफी संख्या में लौट गए। ऐसे में तकनीकी मजदूरों के साथ अन्य कार्य के मदजूरों की कमी के चलते भी मार्बल एरिया मेें पूरी तरह से औद्योगिक गतिविधियां शुरू नहीं की जा सकी।
मार्बलएरिया के नजर
-व्यापारी : 5000
-कारोबार से जुड़े : 20,000 (प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से)
-मजदूर : 25,000
-राजस्थानी मजदूर : 12,500 से ज्यादा
-अन्य राज्यों के : 12,500 से ज्यादा
-तकनीक मजदूर : 3000 (मार्बल और मशीनों के)
-गैंगसा यूनिट : 303
-ग्रेनाइट यूनिट : 223
-गैंगसा और ग्रेनाइट यूनिट : 36
-ऐज कटर : 524
-सप्लायर : 2401
-क्रेशर : 34
-हैंडीक्राफ्ट : 28
-पोलिस मशीन : 42
-अन्य : 9
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