गर्मी शुरु होते ही जलसंकट, साढ़े तीन सौ हैंडपंप बंद

जिले में भूमिगत जलस्तर तेजी से हो रहा काम, ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की समस्या, दूरदराज से पानी लगाकर प्यास बुझा रहे लोग

<p>चिरिया क्षेत्र में बोझा उठाकर पानी लाती बालिकाएं</p>
खरगोन.
गर्मी की दस्तक देते ही अंचल में पेयजल संकट की आहट सुनाई देने लगी है। ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा है। सुबह और शाम पानी के लिए लोगों को दौड़ लगना पड़ रही है। मिलों दूर चलकर पानी की जरुरत पूरी हो रही है। ऐसे में आगामी दिनों में समस्या ओर भी गंभीर होगी। भूमिगत जलस्तर लगातार कम हो रहा है। इससे जलस्रोत भी दमतोड़ रहे हैं। पीएचई विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 12 हजार 554 हैंडपंप लगे हैं। इनमें से लगभग पांच सौ हैंडपंप बंद है। इनमें तीन सौ से ज्यादा हैंडपंप पानी के अभाव में सूख गए। जहां आगामी दिनों में समस्या ओर भी विकट होगी। हालांकि पेयजल समस्या के निदान के लिए पीएचई विभाग द्वारा गांव-गांव से जानकारी जुटाई जा रही है। इस आधार पर आगे की कार्ययोजना तैयार होगी।
पहाड़ी अंचल में हालत ज्यादा खराब
समस्या भगवानपुरा, सेगांव, चिरिया और आसपास के पहाड़ी क्षेत्रोंं में पानी को लेकर हालत ज्यादा खराब है। जहां दूर-दूर तक पेयजल स्रोत नहीं होने से ग्रामीणों को पानी के लिए परेशान होते देखा जा सकता है। मिलों दूर से महिलाएं व बच्चे सिर पर बोझा ढोकर पानी लाकर प्यास बुझा रहे हैं। चिरिया के गणपत मोरे फलिया में पिछले 15 दिनों से लोग पेयजल के लिए परेशानी उठा रहे हैं। महिलाओं ने जनसमस्या निवारण शिविर में भी अफसरों को परेशानी से अवगत कराया था।
डेढ़ से दो किमी दूर से लाना पड़ता है पानी
सातपाटी, उमरिया, पलासकूट, रायटेमरी, देवनलिया आदि गांवों में गर्मी के शुरुआत में ही पेयजल संकट से ग्रामीण परेशान है। आगामी दिनों में यह स्थित हो जाती है कि ग्रामीणों को नालों में झिरी खोदकर पेयजल पूर्ति करना पड़ती है। झिरन्याए भगवानपुरा, सेगांव व भीकनगांव के कुछ हिस्सों में पानी की समस्या अधिक है। मार्च के शुरुआती दिनों में जलस्तर तीन से चार मीटर तक नीचे चला गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में ये है हालत
कई गांवों में एक कुएं पर पूरा गांव आश्रित है। नल जल योजनाओं के साथ ही हैंडपंप भी दम तोड़ रहे है। जिसमें झिरन्या और सेगांव में 60, भगवानपुरा में 57 हैंडपंप बंद है। सेगांव में जलस्तर गिरने से 15, भगवानपुरा में 11 और झिरन्या में 23 और बड़वाह में 39 में से 37 हैंडपंप पानी की कमी के कारण बंद है।
कंट्रोम रूम बनाए
पेयजल समस्या से निपटने के लिए विभाग स्तर पर कंट्रोल रुम भी तैयार किए गए है। जहां समस्या अधिक है, वहां वैकल्पिक स्रोत तलाश कर पानी मुहैया कराया जाएगा।
जितेंद्र मावी, कार्यपालन यंत्री पीएचई खरगोन

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.