समस्या खत्म, अक्टूबर तक नहीं होगी पेयजल की किल्लत

-पहाड़ी क्षेत्र में हुई बारिश के बाद लबालब बैराज, खारक बांध भी भरा-इंटेकवेल पर बाढ़ के पानी का साफ करने में हो रही परेशानी, फिल्टर प्लांट पर बढ़ी मशक्कत

<p>पहाड़ी क्षेत्र में हुई बारिश के बाद लबालब बांध </p>
खरगोन.
पहाड़ी इलाकों में दो दिन से हो रही झमाझम बारिश ने शहर पर मंडरा रहे पेयजल संकट को खत्म कर दिया है। कुंदा नदी में बाढ़ के बाद बैराज लबालब हो गया। समस्या अब मटमैले पानी का साफ करने की है। वर्तमान में पानी के स्तर को देखते हुए नपा की जल सप्लाई टीम का दावा है कि अक्टूबर तक शहर में पेयजल वितरण की कोई समस्या नहीं होगी। बारिश नहीं होने से शहर में जलसंकट के बादल छाने लगे थे।
रविवार को हुई तेज बारिश के बाद देर रात ही वाटर वक्र्स ओवर फ्लो हो गया। नपा के जल प्रभारी सरजू सांगले ने बताया बारिश की कमी और कुंदा नदी तट पर सिंचाई के लिए किसानों द्वारा लगाए गए मोटरपंपों की वजह से पेयजल वितरण में परेशानी के आसार दिख रहे थे। लेकिन बारिश के बाद अब न तो किसान पंप चलाएंगे न बांध में पानी की कमी आएगी। ऐसे में बैराज तक पानी पर्याप्त पहुंच रहा है। सोमवार को भी यहां वॉटर वर्कस की मुख्य पाल के ऊपर से पानी निकला। सांगले ने बताया बाढ़ के मटमैले पानी को साफ करने के लिए मशक्कत करना पड़ रही है। लेकिन ब्लीचिंग पाउडर और एलम सिल्लियों के जरिए इसे लगातार साफ किया जा रहा है। एक-दो दिन सप्लाई प्रभावित हो सकती है लेकिन जल संकट जैसे हालात अब नहीं बनेंगे। अक्टूबर तक पर्याप्त पानी रहेगा।
अभी एक दिन छोड़कर जल वितरण
दो लाख आबादी वाले शहर में नगरपालिका एक दिन छोड़कर जल वितरण कर रही थी। बारिश की खेंच के चलते बैराज में भी पानी कम हो गया था, इसके अलावा ऊपरी इलाकों में बने देजला-देवाड़ा और खारक बांध में भी पानी की कमी थी। लेकिन दो दिन से हो रही तेज बारिश के बाद बांधों में पानी आ गया है। इससे शहर की पेयजल वितरण व्यवस्था सुधरेगी।
फैक्ट फाइल
-2 लाख से अधिक आबादी है शहर की
-17580 नल कनेक्शन
-8 पेयजल टंकियां
-14 लाख गैलन पानी स्टोरेज की क्षमता
-34 नलकूप हैं शहर में
-०1 दिन छोड़कर जल वितरण

समस्या : 45 मिनट में साफ हो रहा 50 हजार गैलन पानी
जल शाखा से मिली जानकारी केअनुसार बारिश का मटमैला पानी आने से 200 एचपी के मोटर पंप की जगह 100 एचपी का पंप ही चलाया जा रहा है, पानी को साफ करने में अधिक समय लग रहा है। करीब 45 मिनट में संयंत्र पर करीब 50 हजार गैलन पानी ही साफ हो पा रहा है।
पानी की सफाई पर प्रति घंटा सवा क्विंटल एलम खर्च
जल प्रभारी के अनुसार मटमैले पानी को साफ करने के लिए सवा क्विंटल एलम प्रति घंटा खर्च हो रही है। साफ पानी को शहर तक पहुंचाने वाले दो पंपों को दिन भर करीब तीन घंटे बंद रखना पड़ रहा है। शहर में जलशोधन संयंत्र से आने वाले पानी में 30 प्रतिशत की कमी हो जाती है। नपा द्वारा वितरण व्यवस्था में फेरबदल किया जा सकता है।
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