शिक्षक दिवसः ग्रामीण निर्धन प्रतिभाओं के सपने हो रहे है साकार

कसरावद की राबिया लाइब्रेरी एक अनूठा सफल प्रयोग, सेवानिवृत्ति बेटे ने मां की अंतिम इच्छा को पूरा किया

खरगोन. खरगोन जिले के कसरावद की राबिया लाइब्रेरी पूरे इलाके की प्रतिभाओं के लिए वरदान साबित हो रही है। संसाधनों के अभाव में ग्रामीण अंचल की प्रतिभाओं को इंदौर सहित बड़े शहरों की ओर कूच करना पड़ता था। अब राबिया पुस्तकालय ने उनकी सारी समस्ययाएं दूर कर दी हैं। लाइब्रेरी की प्रेरणा 98 वर्षीय अल्पशिक्षित महिला राबिया मुस्तफा खान ने दी थी।

इस लाइब्रेरी में राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर होने वाली सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की नवीनतम और अच्छी पुस्तकों के साथ अन्य स्टडी मटेरियल भी मिलता है। लाइब्रेरी की खाशियत यह है कि यह पूरी तरह निःशुल्क है। प्रतियोगी पुस्तकों के साथ ही यहां विश्व साहित्य और भारतीय साहित्य की उर्दू, हिंदी, अंग्रेज़ी की पुस्तकें भी पढ़ने को मिल जातीहै। यहां गीता, रामायण, कुरआन, बाइबल और उनसे संबंधित ज्ञानवर्धक पुस्तकों का बढ़ा संग्रह है।

कस्बाई अंचल में इस उपक्रम की सफलता को देखते हुऐ हाल ही में राजा भोज ओपन राज्य विश्वविद्यालय ने गत दिनों राबिया लाइब्रेरी को अपना स्टडी सेंटर घोषित किया है। अपने अल्प काल में ही यहां से एक छात्र ने नीट उत्तीर्ण कर जबलपुर मेडिकल कालेज में, एक छात्र ने यही के वेटेरनरी कॉलेज में प्रवेश लिया है। एक अन्य छात्र ने इसी वर्ष की कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट परीक्षा पास कर ली हैं। एक छात्र ने गत वर्ष जे एन यू दिल्ली की पी एच डी एंट्रेंस परीक्षा उत्तीर्ण की है।

बेटे ने सपने को साकार कर दिया
आमतौर पर हर मां की इच्छा होती है कि उसके मरने के बाद बेटा समाजिक रिती रिवाज के साथ दान धर्म करे। लेकिन राबिया मुस्तफा खान को अपने बेटे से कुछ और ही चाहिए था वह अपने नाम से एक ऐसी लाइब्रेरी खुलेवाना चाहती थी जिससे गरीब और जरूरत मंद बच्चे पढ़ सकें। जिनके पास सुविधाओं का अभाव रहता हैं। मां की इच्छा पूरी करने के लिए सेवानिवृत्ति बेटे आदिल खान ने 31 दिसंबर 2018 को बिना प्रचार प्रसार के इस लाइब्रेरी स्थापित की है। आखिर ग्रामीण बच्चो को मिल रही सफलता ने राबिया के सपने को साकार कर दिया ।

खास बात यह है की आदिल खान ने इस लायब्रेरी में कोई भी शासकीय मदद नहीं ली है वह अपने व्यय पर ही इसका संचालन कर रहे हैं वह भविष्य में भी किसी सरकारी सहायता से इनकार करते हैं। आदिल का कहना है की उनकी मां की इच्छानुसार ही लायब्रेरी का संचालन किया जायेगा। शिक्षक दिवस पर राबिया लाइब्रेरी की प्रेरणा श्रोत रही राबिया खान को उन सेंकड़ो बच्चों ने याद किया जो लाइब्रेरी की सहायता से अपने सपने सच कर सके।

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