शहर से लेकर गांव तक सबकुछ लॉक, ऐसी ही जागरुकता से हारेगा कोरोना

रविवार के लॉक डाउन का व्यापक असर, जनता का मिला समर्थन, सुबह से बाजार में नहीं खुली दुकानें, सड़कों पर पसरा रहा सन्नाटा, साप्ताहिक हाट भी नहीं लगेतीन स्थानों पर खुली रही शराब दुकानें, सोशल मीडिया पर उड़ाया मजाक

<p>Sunday lockdown in khargone</p>

खरगोन. वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ जिंदगी को बचाने के लिए लड़ाई जारी है। जिले संक्रमण की रफ्तार को रोकने के लिए रविवार को लॉक डाउन रहा। जनता ने भी इसका दिल खोलकर समर्थन किया। शहर से लेकर गांव तक सबकुछ लॉक रहा। लोग दिनभर घरों में रहे और बिना कारण बाहर नहीं निकले। इसी तरह की जागरुकता से कोरोना हारेगा। पुलिस को भी कही कोई सख्ती नहीं दिखाना पड़ी।
उल्लेखनीय है कि जिले में बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर शासन स्तर से रविवार का लॉक डाउन घोषित किया गया था। शनिवार रात 8 बजे से ही बाजार बंद हो गया। रविवार को भी दुकानें नहीं खुली। सब्जी मंडी, बस स्टैंड, जवाहर मार्ग, एमजी रोड, राधावल्लभ मार्केट, सराफा बाजार में सन्नाटा पसरा रहा। यहां केवल इक्का-दुक्का लोग ही जाते नजर आए। अस्पताल और मेडिकल जरुर खुले थे। जिन्हें बंद रखने जैसी कोई पाबंदी नहीं थीं।
प्रशासन ने 31 मार्च तक सार्वजनिक कार्यक्रमों, धार्मिक स्थल पर भीड़ लगाने पर रोक लगा रखी है। जबकि 9 वीं से 12 वीं तक की स्कूलों के लिए अवकाश घोषित कर रखा है। लॉक डाउन के दौरान बसों की आवाजाही पर भी रोक रही। इस वजह संभाग के सबसे बड़े बस स्टैंड पर सन्नाटा पसरा रहा। आमदिनों में स्टैंड पर बसों सहित यात्रियों की भीड़भाड़ नजर आती है। लेकिन रविवार को यह पूरी तरह खाली था। न कोई बस थी और ना ही सवारी और ना ही रोज सुनाई देने वाला शोर।
दोपहर में अधिकारियों ने किया निरीक्षण
इधर, नियमों का पालन कराने के लिए प्रमुख चौराहों पर पुलिस जवान तैनात रहे। अपर कलेक्टर एमएल कनेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहरी क्षेत्र नीरज चौरासिया, तहसीलदार आरसी खतेडिय़ा आदि ने निरीक्षण किया। कोतवाली थाने से अधिकारी पैदल-पैदल पोस्ट ऑफिस चौराहे तक पहुंचे। गाडिय़ों में बैठकर तिलकपथ, मोहन टॉकिज, तालाब चौक और पुराने शहर में भ्रमण किया। दुपहिया और कार चालकों को रोककर उनसे बाहर निकालने का कारण पूछा।
नहीं लगे साप्ताहिक हाट
होली त्योहार के बावजूद रविवार को लॉक डाउन के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में साप्ताहिक हाट भी नहीं लगे। इसलिए ग्रामीणों सहित छोटे व्यापारियों में मासूसी रही। सोमवार को धुलेंडी के चलते गमी परिवारों में रंग डालने के लिए जिन लोगों को रविवार को जाना था, वे भी बसें नहीं चलने से परेशान हुए।
शराब दुकानें के चालू होने पर नाराजगी
लॉक डाउन के चलते जहां चाय-नाश्ते की होटल व दुकानें, भोजनालय और रेस्तारेंट बंद थे तो वहीं शराब दुकानें चालू रही। डायवर्सन रोड, बस स्टैंड और खंडवा रोड स्थित भगतसिंह चौराहे पर देसी और अंग्रेजी शराब दुकानें खुली रही। प्रशासनिक भेदभाव को लेकर लोगों ने सोशल मीडिया पर शराब दुकानों के फोटो शेयर कर लिखा- कोरोना के कारण जहां छोटी-बड़ी दुकानें बंद रखी गई, तो फिर शराब दुकानें क्यों नहीं। क्या शराब बेचने अथवा पीने से कोरोना नहीं फैलेगा।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.