यूपीएससी में 257वीं रैंक लाने वाली खरगोन की आदिवासी युवती मनीषा धार्वे रिजल्ट आने के बाद पहली बार गांव पहुंची। मनीषा को अपने बीच पाकर आदिवासी खुशी से भर उठे और उसका जबर्दस्त स्वागत किया। झिरन्या तहसील के बोदरानिया गांव में इस मौके पर जमकर जश्न मनाया गया।
यूपीएससी द्वारा रिजल्ट घोषित किए जाने के दिन से ही गांव में खुशी का माहौल है। मनीषा की इस उपलब्धि पर गांववाले गर्व जता रहे हैं। मंगलवार को जब मनीषा गांव पहुंची तो गांववालों ने उनके स्वागत में जुलूस निकाला। मनीषा धार्वे भी पारंपरिक आदिवासी वेशभूषा पहनकर इस स्वागत रैली में शामिल हुईं।
झिरन्या से गांव तक उन्हें रैली के रूप में ही लेकर आए। गांव में मनीषा मंदिरों में पहुंची और दर्शन पूजन कर भगवान का आशीर्वाद लिया। 23 साल की मनीषा धार्वे ने UPSC 2023 में भारतीय प्रशासनिक सेवा में अपने चौथे प्रयास में सफलता हासिल की। वे इससे पहले 3 प्रयासों में असफल रही।
इस कामयाबी के पीछे मनीषा का कठिन संघर्ष है। वे ऐसे गांव में रहीं जहां कई दिनों तक बिजली नहीं रहती थी। मनीषा धार्वे ने गांव की आंगनवाड़ी से पढ़ाई की। 8वीं तक की पढ़ाई उन्होंने गांव के ही सरकारी स्कूल में की। इसके बाद खरगोन के उत्कृष्ट स्कूल में 9वीं से 12वीं तक पढ़ीं। उन्होंने 10वीं में 75% अंक और 12वीं में 78% अंक हासिल किए।
इंदौर के होलकर कॉलेज से बीएससी कंप्यूटर साइंस कोर्स के साथ ही उन्होंने पीएससी की तैयारी भी शुरू कर दी। हालांकि दोस्तों ने उनकी प्रतिभा को देखते हुए यूपीएससी की तैयारी करने की राय दी।
मनीषा ने सन 2020 में पहली बार UPSC की परीक्षा दी, लेकिन असफल रहीं। उन्होंने दोबारा तैयारी शुरु की और बिजली नहीं होने से गांव से झिरनिया चली गयीं। दूसरे और तीसरे प्रयास भी बेकार गए तो उन्होंने दिल्ली आकर तैयारी की। आखिरकार 2023 की परीक्षा में मनीषा की मेहनत रंग लाई और उनका सपना साकार हो गया।