घर की पुस्तैनी बंदूक देख-देख कर निशानेबाजी में आई रूचि, गांव का छोरा अब टोक्यो में मचाएगा धूम

-आदिवासी क्षेत्र झिरन्या का ऐश्वर्य टोक्यो में चलाएगा रायफल, युवक ने हर स्पर्धा में दिलाए हैं मेडल

<p>ऐश्वर्य प्रतापसिंह </p>
खरगोन.
खरगोन जिले के ठेठ आदिवासी क्षेत्र का युवा टोक्यो में हाने वाले औलंपिक में धूम मचाने पहुंचा है। वहां खेलों के महाकुंभ की शुरूआत 23 जुलाई 2021 से होने जा रही है। झिरन्या क्षेत्र के रतनपुर निवासी ऐश्वर्य प्रतापसिंह से जिलेवासियों ही नहीं पूरे मप्र को गोल्ड मेडल की आस बंधी है। राजपुताना परिवार में जन्मे ऐश्वर्य की रुचि घर की दीवार पर टंकी पुस्तैनी बंदूक को देख देखकर जागी। समय के साथ यह रूचि लक्ष्य में बदली और वह टोक्यो तक पहुंचा है।
टोक्यो-2020 ओलंपिक में शामिल होने के लिए दुनिया भर के खिलाड़ी जूट गए हैं। 23 जुलाई से 8 अगस्त तक सिर्फ टोक्या ओलंपिक ही चारों ओर छाया रहने वाला है। यह ओलंपिक खरगोन जिले के लिए भी बड़ी उपलब्धियों वाला हो गया है। इसका सबसे बड़ा कारण निशानेबाजी में हर स्तर की स्र्पधाओं में मेडल दिलाने वाले झिरन्या में रतनपुर के एंश्वर्य प्रतापसिंह हैं। भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाडिय़ों की सूची में ऐश्वर्य ने भी जगह बनाई है।
अन्तर्राष्ट्रीय स्र्पधाओं में पांच, राष्ट्रीय स्पर्धाओं में 29 मेडल
3 फरवरी 2001 में किसान परिवार में जन्मे ऐश्वर्य प्रतापसिंह ने स्कूली स्र्पधाओं के साथ अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली प्रतियोगिताओं में भी पदक दिलाए हैं। खेल अधिकारी पवी दूबे ने बताया ऐश्वर्य ने अन्तर्राष्ट्रीय स्र्पधाओं में 2 स्वर्ण और 3 कांस्य सहित पांच पदक राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 16 स्वर्ण, 6 रजत और 7 कांस्य सहित 29 पदक मप्र के लिए जीते हैं।
विश्व रिकॉर्ड भी अपने नाम
ऐश्वर्य ने जूनियर वल्र्ड कप में 50 मी. रायफल थ्री पोजिशन में 459.3 अंक हासिल कर नया विश्व रिकार्ड भी अपने नाम किया है। इसके बूते देश को स्वर्ण पदक दिलाया। ज्ञात हो कि ऐश्वर्य 2015 से राज्य की शुटिंग अकादमी में प्रशिक्षण लेते रहे हैं। वे यहां 50 मीटर रायफल थ्री पोजिशन मेन में अपना जौहर दिखाएंगे। इसके अलावा उन्हें 10 मीटर एयर रायफल मेन में रिजर्व खिलाड़ी के रूप में रखा गया है।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.