खुद मरीज धकेल कर ले जा रहा सिलेंडर
मरीजों की तादात बढऩे के बाद ऑक्सीजन की खपत बढ़ गई है। सूत्रों की मानें तो अधिकांश मरीज ऐसे आ रहे हैं, जिन्हें सांस लेने में परेशानी अधिक। ऐसे मरीजों को कृत्रिम सांस के लिए ऑक्सीजन देना पड़ रही। रात्रि में ऑक्सीजन सिलेंडर आने पर वार्ड बाय नहीं होने से खुद मरीजों को सिलेंडर धकेल कर ले जाना पड़ा।
मरीजों की तादात बढऩे के बाद ऑक्सीजन की खपत बढ़ गई है। सूत्रों की मानें तो अधिकांश मरीज ऐसे आ रहे हैं, जिन्हें सांस लेने में परेशानी अधिक। ऐसे मरीजों को कृत्रिम सांस के लिए ऑक्सीजन देना पड़ रही। रात्रि में ऑक्सीजन सिलेंडर आने पर वार्ड बाय नहीं होने से खुद मरीजों को सिलेंडर धकेल कर ले जाना पड़ा।
चौबीस घंटे में 94 नए मामले
इधर, संक्रमण की रफ्तार तेज होने के बाद थोक में मरीज आ रहे हैं। बुधवार को रेकॉर्ड 94 नए मामले सामने आए हैं। कोरोना की दूसरी लहर में यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। वहीं एक्टिव केस भी साढ़े पांच सौ के करीब हो चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को 90 मरीज स्वास्थ्य होकर घर लौटे।
इधर, संक्रमण की रफ्तार तेज होने के बाद थोक में मरीज आ रहे हैं। बुधवार को रेकॉर्ड 94 नए मामले सामने आए हैं। कोरोना की दूसरी लहर में यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। वहीं एक्टिव केस भी साढ़े पांच सौ के करीब हो चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को 90 मरीज स्वास्थ्य होकर घर लौटे।
पर्याप्त व्यवस्था
अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी नहीं है। स्टॉक में नौ बड़े जंबो सिलेंडर है। इसके अलावा 100 जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर से भरा वाहन खरगोन रात 11 बजे पहुंचा है। ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था है।
डॉ. दिव्येश वर्मा, सिविल सर्जन जिला अस्पताल खरगोन
अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी नहीं है। स्टॉक में नौ बड़े जंबो सिलेंडर है। इसके अलावा 100 जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर से भरा वाहन खरगोन रात 11 बजे पहुंचा है। ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था है।
डॉ. दिव्येश वर्मा, सिविल सर्जन जिला अस्पताल खरगोन