जासूस समझ खुफिया एजेंसियों ने की पूछताछ पाकिस्तान सुरक्षा बलों ने वीरसिंह को जासूस समझकर पकड़ा और उससे पूछताछ की। किसी तरह का संदेह नहीं होने पर पाकिस्तान सेना की भारतीय सीमा सुरक्षा बल के साथ फ्लैग मीटिंग के दौरान शनिवार को भारतीय सुरक्षा बलों को सौंपा गया। श्रीगंगानगर के बीएसएफ के कंपनी कमांडर ने शनिवार शाम वीरसिंह को स्थानीय पुलिस के सुपुर्द किया। थानाधिकारी सुशील कुमार खत्री ने वीरसिंह के बारे में जानकारी जुटाना शुरु की, तो पता चला कि वह खरगोन जिले में नलवट का रहने वाला है। इसके बाद बेडिय़ा पुलिस से संपर्क किया गया। यहां शनिवार को वीरसिंह के भाई और पत्नी की वीडियो काल पर बातचीत कराई गई। पहचान होने के बाद वीरसिंह की वतन वापसी का रास्ता खुल गया। संभवत रविवार या सोमवार को वह अपने गांव लौट आएगा।
वीडियो कॉलिंग पर हुई बात, तो भावुक हुए परिजन नलवट के सरपंच देवीसिंह ने बताया कि वीरसिंह के पिता भीमसिंह का परिवार बेहद गरीब है। गांव में मजदूर कर गुजर-बसर करता है। उसके परिवार में मां, भाई, पत्नी सोनूबाई और दो लड़कियां हैं। वीरसिंह के जाने के बाद सभी चिंतित थे। वहीं शनिवार को जब उसके सुरक्षित मिलने की खबर मिली, तो परिवार भावक हो गया। उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
गांव से इतनी दूर कैसे पहुंचा, पता लगा रही खुफिया एजेंसी
गांव से इतनी दूर कैसे पहुंचा, पता लगा रही खुफिया एजेंसी
वीरसिंह के बारे में ग्रामीणों ने बताया कि वह पहले भी दो-तीन बार घर से चला गया था। लेकिन तब आसपास ही घुमते रहता था और फिर घर लौट आया। फिर तीन महीने पहले वह अचानक लापता हो गया। इस अवधि में सम्पूर्ण देश में लॉक डाउन लागू था और पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी पूरी तरह से बंद था। ऐसी स्थिति में वीरसिंह हजार किमी दूर पाकिस्तान पहुंच गया। भारतीय खुफिया एजेंसी पता करने की कोशिश कर रही है कि वह पाकिस्तान में कैसे घुस गया।