मप्र के इस गांव में पति-पत्नी ने कमाई का ऐसा ढंूढा अवैध तरीका,, देखकर पुलिस भी रह गई दंग

नवाड़ की जमीन में प्याज के बीच उगाई गांजे की उपज, पुलिस ने उखाड़ी, पति फरार, पत्नी गिरफ्तार-चैनपुर पुलिस ने की कार्रवाई, गांजे 705 पौधे बरामद, पुलिस के हत्थे चढ़ा १५५ किलो गांजा, ७.७९ लाख कीमत की उपज जब्त

<p>खरगोन. पुलिस ने जब्त की गांजे की उपज। </p>
खरगोन.
चैनपुर थाना क्षेत्र के कोठ बैड़ा गांव की एक दंपती को कम समय में मोटी कमाई का शार्टकट भारी पड़ गया। दरअसल ताबड़तोड़ रुपए कमाने का सपना देख रहे पति-पत्नी ने प्याज के खेत में गांजे की फसल उगाई। नशे की खेती से वह उपज लेते इसके पहले पुलिस ने उनका भंडा फोड़ करते हुए उपज जब्त कर ली है। फिलहाल खेती करने वाला व्यक्ति फरार है जबकि उसकी पत्नी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने कार्रवाई में दंपती के खेत से 155 किलो गांजे के ७०५ पौधे बरामद किए हैं। गांजे की बाजार कीमत 7.79 लाख रुपए है।
पुलिस कंट्रोल रूम पर मामले का खुलासा करते हुए एएसपी जितेंद्रसिंह पंवार ने बताया कि माफियाओं एवं मादक द्रव्य तस्करों के विरुद्ध की जा रही कार्रवाई की कड़ी में 16 मार्च को चैनपुर टीआई राबर्ट गिरवाल को मुखबीर से सूचना मिली कि ग्राम कोठ बैड़ा नवाड़ में गोरेलाल भंगडा भीलाला ने अपने नवाड़ के खेत में गांजे के पौधे लगा रखे हैं। सूचना पर पुलिस दल मौके पर पहुंचा। घेराबंदी की गई। पुलिस को देख गौरेलाल जंगल में फरार हो गया। जबकि वहां मौजूद उसकी पत्नी मुंदीबाई (परिवर्तित नाम) को महिला आरक्षकों ने धर दबौचा।
प्याज के बीच उगा रखा था गांजा
मुंदीबाई की गिर$फ्तारी के बाद पुलिस खेत की तप्तिश करने पहुंची तो नजारा देखकर दंग रह गई। यहां प्याज के खेत में ५ से ७ फीट ऊंचाई वाले ७०५ पौधे मिले। गांजा उगाने के लाइसेंस व परमिट के बारे में मुंदीबाई से पूछताछ की तो कोई दस्तावेज नहीं मिले। फोर्स की मदद से गांजा पौधों को उखाड़ा गया।
7.79 लाख कीमत की है उपज
एएसपी पंवार ने बताया जब्त गांजे की बाजार कीमत 779250 रुपए हैं। इसे जब्त कर लिया है। फरार आरोपी गोरेलाल भीलाला की तलाश जारी है। फिलहाल पुलिस मामले की विवेचना में लगी है। इतनी बड़ी मात्रा में उपज कब बोई, बीज कहां से आया, इसके पूर्व खेती की है या नहीं, और क्षेत्र में गांजा की खेती और कहां हो रही है इन प्रश्नों की पड़ताल पुलिस कर रही है।
कार्रवाईमें यह शामिल
उक्त कार्रवाई में टीआई राबर्ट गिरवाल, सहायक उपनिरीक्षक मेहबुब खान, मुकेश कुमरावत, आरक्षक रितेश, हरिनारायण, महिला आरक्षक पूजा, भगवानपुरा टीआई विश्वेश्वर करील, उपनिरीक्षक अनिल जाधव, सहायक उपनिरीक्षक रमेश भास्करे, नाथूराम यादव, आरक्षक आशाराम, रिंकू जाट, रजनी का योगदान रहा।
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