मन में घबराहट थीं, फिर सोचा ऑल इज वेल
डॉ. रौनक ने बताया कि महिला की बीमारी के बारे में पहले से पता था। इसलिए सोच समझकर इस केस को हेंडल किया। महिला करीब 10 दिन से अस्पताल में भर्ती थीं। बीती रात उसे लेबर पेन हुआ। अस्पताल प्रबंधन ने फोन कर जानकारी दी। वैसे ही अस्पताल पहुंची। मन में डर और घबराहट थी। क्योंकि सामान्य स्थिति में डिलीवरी कराना आसान है, लेकिन यहां तो जच्चा-बच्चा को बचाने के साथ खुद की सुरक्षा की चिंता थी। एचओडी और सीनियर डॉक्टरों से चर्चा की। फिर सोचा ऑल इज वेल । कार्य को अंजाम दिया। शुक्र है भगवान ने सभी अच्छा किया।
डॉ. रौनक ने बताया कि महिला की बीमारी के बारे में पहले से पता था। इसलिए सोच समझकर इस केस को हेंडल किया। महिला करीब 10 दिन से अस्पताल में भर्ती थीं। बीती रात उसे लेबर पेन हुआ। अस्पताल प्रबंधन ने फोन कर जानकारी दी। वैसे ही अस्पताल पहुंची। मन में डर और घबराहट थी। क्योंकि सामान्य स्थिति में डिलीवरी कराना आसान है, लेकिन यहां तो जच्चा-बच्चा को बचाने के साथ खुद की सुरक्षा की चिंता थी। एचओडी और सीनियर डॉक्टरों से चर्चा की। फिर सोचा ऑल इज वेल । कार्य को अंजाम दिया। शुक्र है भगवान ने सभी अच्छा किया।
पांच घंटे पीपीई किट पहनें रखी
प्रसव की सामान्य प्रक्रिया के चलते चार से पांच घंटे का समय लगता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर सहित स्टॉफ नर्स ने पीपीई किट पहनकर डिलीवरी कराई। करीब पांच घंटे तक सभी जोखिम के साथ महिला के साथ लेबर रूम में रहे।
प्रसव की सामान्य प्रक्रिया के चलते चार से पांच घंटे का समय लगता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर सहित स्टॉफ नर्स ने पीपीई किट पहनकर डिलीवरी कराई। करीब पांच घंटे तक सभी जोखिम के साथ महिला के साथ लेबर रूम में रहे।