जेई ने पुत्र के प्रथम जन्मदिवस पर की अनोखी पहल, विरान बगीचे में पौधारोपण कर ए से जेड तक रखे नाम

पौधों को पुत्र की तरह बड़े करने का लिया संकल्प, सिंगाजी ताप परियोजना में है पदस्
 
 

<p>बीड़। कॉलोनी परिसर के बगीचे में पुत्र शिवाय के जन्मदिवस पर जेई प्रदीप वर्मा, पत्नी शिवानीने पौधा रोपण कर नाम की तख्ती ढांकी।</p>
आनंद दराड़े। बीड़. पर्यावरण संरक्षण के लिए पर्यावरण प्रेमी तमाम तरह से कार्य करते है। कोई पौधेरोपण तो कोई पौधे की देख-रेख कर बड़ा करता तो कई वृक्षों को कटने से बचाकर पर्यावरण संरक्षण में अपनी भूमिका निभाता है। इसी प्रकार सिंगाजी ताप परियोजना के आवासीय कॉलोनी में वर्मा दंपत्ति ने रविवार को एक अनोखी पहल की है। उन्होंने कॉलोनी के विरान पड़े बगीचे में अपने पुत्र के प्रथम जन्मदिवस पर पौधा रोपण किया और अंग्रेजी की वर्णमाला अनुसार ए से जेड तक सभी 26 पौधों का नाम रखा। प्रत्येक पौधे के आगे वर्णमाला के एक-एक अक्षर की तख्ती ढांकी। इतना ही नहीं उन्होंने अपने पुत्र की तरह इन पौधें को बड़ा करने का संकल्प लिया। यह अनोखी पहल उन्होंने अपने पुत्र शिवाय वर्मा के प्रथम जन्मदिवस के उपलक्ष्य में की। इस पहल की सिंगाजी ताप परियोजना के मुख्य अभियंता वीके केलासिया ने सराहना की। उन्होंने पौधे लगाने के साथ देखभाल भी करने का संकल्प लिया, यह वर्मा दंपति की सोच अच्छी है। हर किसी को हरियाली के लिए इस तरह के प्रयास करना चाहिए। आज लगाए पौधे आने वाले समय में पेड़ बनकर सबको शुद्ध हवा देंगे।
फलदार, छायादार और फूल के पौधे लगाएं

बगीचे में आम के 8, जाम के 2, नीम के 5, बरगद के 2, पीपल के 2, जामुन के 4, मोगरा फूल के 2 और गुलर का एक पौधा लगाया है। इन पौधे में ए, बी, सी…जेड तक लगाएं है। सभी फलदार, छायादार और फूल के पौधें है।
फल, छांव का सभी को मिलेगा फायदा
आवासीय कॉलोनी के प्रदीप वर्मा जूनियर इंजीनियर है। जो ताप परियोजना के फेस-वन ऑपरेशन में पदस्थ है। जेई प्रदीप व पत्नी शिवानी वर्मा ने कहा हमारे बेटे का प्रथम जन्मदिवस बड़े स्तर से करने का प्लान था। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन जारी है। जिससे फिर हमने कुछ ऐसा करने का सोचा कि जिसका सभी को फायदा मिले। कॉलोनी के विरान बगीचे में 26 पौधे लगाकर उनकी देखभाल करने का प्लान आया। गडढे खुदवाकर रविवार सुबह एक-एक पौधे रोपित किए। उन्होंने कहा बगीचे के पौधे बड़े होंगे तो हरियाली के साथ फल, फूल देंगे। जो कॉलोनी के बच्चें, युवा और बुजुर्ग के काम आएंगे। गर्मियों से निजात पाने सभी पेड़ाें की छांव बैठ कुछ पल गुजार सकेंगे।

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