उफ ये बेबसी… मुझे यहां से निकालो नहीं तो मैं मर जाऊंगी

कोविड अस्पताल में पल पल बिगड़ते हालात, मरीजों को भी दहशत में डाल रहे हैं। कोविड अस्पताल के बाहर खड़े मरीजों के परिजन भी बेबसी से सिर्फ मूकदर्शक बनकर सबकुछ सहन करने पर मजबूर है।

<p>Mother pleading with son through Kovid hospital window</p>
खंडवा. कोविड अस्पताल में पल पल बिगड़ते हालात, मरीजों को भी दहशत में डाल रहे हैं। कोविड अस्पताल के बाहर खड़े मरीजों के परिजन भी बेबसी से सिर्फ मूकदर्शक बनकर सबकुछ सहन करने पर मजबूर है। यहां हालात देखने वालों के भी दिल लरज रहे हैं। गुरुवार को कोविड के बाहर कुछ ऐसी तस्वीरें नजर आई, जिसे देखकर हर कोई घबरा गया। कोविड अस्पताल की खिड़की से बेटे से गुहार लगाती मां, घबराए मरीज को भर्ती करने की बजाए वापस ले जाते परिजन, वीडियो काल पर दादा की हालत देखकर रोते पोते, जिसने भी देखा हिल गया।
सिंगोट सर्कल के अंबापाठ निवासी रेखाबाई चौरे को गुरुवार सुबह ८ बजे ही निजी अस्पताल से ऑक्सीजन की कमी के चलते कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दोपहर में अस्पताल के बाहर मौजूद बेटे को फोन आया कि यहां कोई इलाज नहीं हो रहा है। बेटा कोविड अस्पताल के गेट पर पहुंचा तो ऊपर की मंजिल से मां ने आवाज लगाई, बेटा मुझे यहां से निकाल, मैं अंदर मर जाउंगी, यहां कोई इलाज नहीं हो रहा है। इस बीच ऊपरी मंजिल पर मौजूद स्टाफकर्मी उन्हें खींचकर वापस ले गया।
कोविड अस्पताल के वार्ड नंबर ३०१ के बेड २५ पर भर्ती हुकुमचंद राठौर की स्थिति खराब है, उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। बाहर मौजूद पोते हनी ने आरोप लगाया कि अंदर उनका इलाज नहीं हो रहा है। पोते ने हकीकत बताने के लिए दादा के पास मौजूद एक रिश्तेदार को वीडियो कॉल लगाया और दिखाया कि किस तरह से मरीज को रखा जा रहा है। यहां वे बात करने की भी स्थिति में नहीं थे, कोई नर्स भी उनके पास नहीं आ रही थी। जावर निवासी राजेश गुप्ता को लेकर गुरुवार दोपहर पुत्र हिमांशु गुप्ता और पत्नी छायाबाई कोविड अस्पताल पहुंचीं। उन्होंने पति को अकेले भर्ती करने से मना कर दिया। जिसके बाद पुत्र और मां, मरीज को स्ट्रेचर पर ले जाने लगे। राजेश गुप्ता की हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी, उन्हें ऑक्सीजन की तुरंत जरूरत थी।
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