पति ने कहा- मैं शराब छोड़ दूंगा, शंका भी नहीं करूंगा तो पत्नी बोली-मैं साथ रहने को हूं राजी

न्यायाधीश ने तीन बार काउंसलिंग कर पति-पत्नी में कराई सुलह, पौधा सौंप घर किया रवाना

<p>Legal Services Authority reconciled between spouses</p>
खंडवा. पारिवारिक कलह के चलते पति-पत्नी में विवाद शुरू हुआ और विवाद तलाक तक पहुंच गया। मामला विधिक सेवा प्राधिकरण में पहुंचा। इस पर संज्ञान लेते हुए जिला न्यायाधीश एलडी बौरासी और एडीजे हरिओम अतलसिया ने पति-पत्नी को बुलाकर काउंसलिंग की। तीन बार की काउंसलिंग में दोनों साथ रहने को राजी हो गए। इस दौरान पति ने कहा अब मैं शराब छोड़ दूंगा और शंका भी नहीं करूंगा। इस पर पत्नी बोली-यदि ऐसा है तो मैं साथ रहने को तैयार हूं। मामले में सुलह होते ही न्यायालय ने दंपती को पौधा भेंटकर खुशी-खुशी घर रवाना किया। दरअसल, ग्राम खैगांव निवासी 26 वर्षीय पूजा की सात वर्ष पहले विशाल से शादी हुई थी। दोनों का साढ़े पांच साल का बेटा है। शादी के कुछ साल तक सब ठीक चला। इसके बाद पति विशाल शराब पीने लगा। रोकने पर वह अक्सर पत्नी से विवाद करता था। इसके अलावा पत्नी पर शंका भी करता था। रोज-रोज के विवाद से तंग आकर पूजा मायके चली गई। इसी बीच पूजा ने विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय में शिकायत आवेदन दिया।
तीन काउंसलिंग में माने पति-पत्नी, अब रहेंगे साथ
आवेदन मिलते ही विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव व एडीजे अतलसिया ने पति-पत्नि को काउंसलिंग के लिए बुलाया। दोनों पक्षों को अलग-अलग मामले में समझाइश दी और परिवार का महत्व बताया। मामले में तीन बार दोनों की काउंसलिंग की गई। तीसरी काउंसलिंग में पति विशाल ने शराब छोडऩे और पत्नी पर शंका नहीं करने का भरोसा दिलाया। इस पर पत्नी पूजा भी साथ रहने के लिए राजी हो गई। आपसी सहमति होने के बाद दंपती को खुशी-खुशी घर भेजा गया।
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