सख्त जांच के बाद परीक्षार्थियों को मिला केंद्र में प्रवेश
एमपीपीएससी प्रारंभिक परीक्षाकिसी को प्रश्न पत्र लगा आसान, किसी को कठिन-दो पारी में हुई परीक्षा, पहली में 885 तो दूसरी में 904 अनुपस्थित
<p>एमपीपीएससी प्रारंभिक परीक्षाकिसी को प्रश्न पत्र लगा आसान, किसी को कठिन-दो पारी में हुई परीक्षा, पहली में 885 तो दूसरी में 904 अनुपस्थित</p>
खंडवा.
मप्र लोक सेवा आयोग की राज्स सेवा और राज्य वन सेवा की प्रारंभिक परीक्षा रविवार को 11 केंद्रों पर संपन्न हुई। कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए प्रशासन द्वारा एक अतिरिक्त केंद्र कोरोना संक्रमित परीक्षार्थियों के लिए बनाया गया था। जिस पर एक भी परीक्षार्थी नहीं पहुंचा। परीक्षा के पूर्व परीक्षार्थियों को सख्त जांच की परीक्षा से गुजरना पड़ा। परीक्षा देकर आए विद्यार्थियों में कुछ को प्रश्नपत्र कठिन तो कुछ को आसान लगा, कुछ ने इसे सामान्य प्रश्नपत्र बताया।
एमपीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा रविवार को दो पारियों में हुई। सुबह बारिश के मौसम के बाद भी परीक्षार्थी समय से पूर्व ही केंद्रों पर पहुंचे। यहां केंद्रों पर परीक्षार्थियों को सोशल डिस्टेंस से खड़े करवाकर जांच की गई। परीक्षार्थियों के पास मौजूद इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस, घड़ी, मोबाइल, कड़े आदि आपत्तिजनक वस्तुएं बाहर ही रखवा ली गई। इसके बाद परीक्षार्थियों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। परीक्षा के लिए फैशनेबल, कलर वाले मास्क भी बाहर ही रखवाकर उन्हें सर्जिकल थ्री लेयर मास्क दिए गए। जांच के दौरान मेडिकल स्टाफ पीपीइ किट में नजर आया। परीक्षा के लिए कोरोना संक्रमित परीक्षार्थियों के लिए सरस्वती शिशु मंदिर कल्याणगंज में केंद्र बनाया गया था। जांच के दौरान कोई भी संक्रमित या संदिग्ध नहीं मिला।
दोनों पारियों में 1789 अनुपस्थित
एमपीपीएससी की परीक्षा दो पारियों में संपन्न हुई। पहली पारी सुबह 10 से 12 बजे तक और दूसरी पारी दोपहर 2.15 से 4.15 के बीच हुई। परीक्षा के लिए कुल 3619 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। पहली पारी में 2734 ही उपस्थित हुए, 885 अनुपस्थित रहे। दूसरी पारी में 2715 ही उपस्थित हुए, 904 अनुपस्थित रहे। परीक्षा के दौरान प्रशासन की उडऩदस्ता टीम पूरे केंद्रों पर निरीक्षण करती नजर आई। परीक्षा में एक भी नकल प्रकरण नहीं बना।
बारिश ने बढ़ाई परीक्षार्थियों की परेशानी
पहली पारी खत्म होने के दौरान शहर में भारी बारिश हो रही थी। बारिश के चलते परीक्षार्थी केंद्रों के बाहर ही पानी से बचते रहे। शहर में रहने वाले परीक्षार्थियों के तो परिजन उन्हें साधन सहित लेने पहुंच गए, लेकिन बाहर से आए परीक्षार्थियों की परेशानी होती रही। बारिश बंद होने के बाद केंद्र के आसपास ही परीक्षार्थी चाय नाश्तों की होटलों, ठेलों पर अपनी भूख मिटाते रहे।