पौधरोपण की तैयारी: 26 हेक्टेयर में फैली रोपणी में भीषण गर्मी में तैयार हो रहे 4.75 लाख पौधें

मानसून आने पर रोपने के लिए होंगे प्रदान, गर्मी में लहरा रही हरियाली

<p>बोरगांव बुजुर्ग। भीषम गर्मी मे भी रोपणी में लहलहा रहे है पौधें।,बोरगांव बुजुर्ग। भीषम गर्मी मे भी रोपणी में लहलहा रहे है पौधें।,बोरगांव बुजुर्ग। भीषम गर्मी मे भी रोपणी में लहलहा रहे है पौधें।</p>
सुमित मंडलोई। बोरगांव बुजुर्ग. इंदौर-इच्छापुर हाईवे किनारे स्थित वन अनुसंधान एवं विस्तार वृत्त खंडवा इकाई बुरहानपुर की बोरगांव रोपणी में विभाग द्वारा इस वर्ष 4 लाख 75 हजार पौधें तैयार हो रहे है। रोपणी में सागौन, बांस, आंवला, महुआ, शिशम, सलाई, कुल्लु, मोयन, चिरोल अन्य फलदार और वानिकी प्रजाति के पौधे तैयार किए गए है। विलुप्त प्रजातियों के ही लगभग 45 हजार पौधे रोपणी में तैयार हुए है। भीषण गर्मी में रोपणी तैयार किए पौधे लहरा रहे है। पौधों को बरसात शुरू होते ही पौधरोपण के लिए खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर व मांग के आधार पर वितरित किया जाएगा। रोपणी से वन विभाग, ग्राम पंचायत, निजी संस्थाओं, किसानों, शासकीय स्कुलों व अन्य कई संस्थाओं को शासन द्वारा निर्धारित शुल्क दर पर पौधे वितरित होंगे। रोपणी के अंदर कुल रकबे में से लगभग 6 हेक्टेयर मे 12 हजार सागौन का पौधारोपण किया था, जो कि अब लंबे पेड बन चुके है और देखने पर जंगल की तरह लगता है। लगभग 10 हेक्टेयर के रकबे में विभाग द्वारा तय लक्ष्य के लिए पौधे तैयार हो रहे है व बचे रकबे में अन्य पौधरोपण है। रोपणी में क्रोबार रोपण के लिए चार लाख सागौन रूटशूट अलग से भूमि बेड तकनीक से तैयार किए है। बोरगांव रोपणी में सागौन रूटशूट प्रतिवर्ष प्रमुखता से तैयार किए जाते है। रोपणी के माध्यम से कई मजदूरों को प्रतिदिन रोजगार भी मिलता है और वर्षभर यहां कार्य के हिसाब से दर्जनभर मजदूर परिवार काम कर परिवार का पालन कर रहे है।

रोपणी में पौधे तैयार करने की है यह व्यवस्थाएं
पौधों की तैयारी के दौरान जैविक खाद का उपयोग होता है और यह खाद तैयार करने के लिए रोपणी मे वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगा है। यूनिट मे गीले गोबर के साथ केंचुए रखे जाते है और खाद तैयार होता है। सिंचाई के लिए मोटर पंप संचालन के लिए बिजली के साथ दो सोलर सेट लगाए गए है। और इनका उपयोग कर मोटर पंप चला स्प्रिंकलर तकनीक से पौधों की सिंचाई होती है। कोरोना महामारी के दौरान यहां पहुंच रहे मजदूरों को रोपणी प्रभारी द्वारा सोशल डिस्टेंस रखने के साथ बार-बार हाथ धोने, फेस मास्क का उपयोग करने व सेनेटाइजर का उपयोग करने का प्रशिक्षण भी दिया गया है।

भीषण गर्मी में भी लहलहा रहे पौधें
वर्तमान में भीषण गर्मी के दौरान भी रोपणी मे तैयार पौधें लहलहा रहे है। यहां सिंचाई के लिए सुक्ता नदी, एक कुआ व एक नलकूप है। भीषण गर्मी से नदी में पानी सूख चुका है, कुएं व नलकूप का भी जल स्तर गिरने से पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। जहां गर्मी में जलस्तर गिरने से जलस्रोतों से पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है और किसान एक हेक्टेयर की फसल को बचाने में भी सफल नहीं है। वहीं विपरित परिस्थितियों के बाद भी रोपणी प्रभारी द्वारा मशक्कत कर अभी भी पौधों को हरा-भरा रखा गया है।

रोपणी में ये पौधें हो रहे तैयार
-सागौन के 55 हजार, चिरोल के 60 हजार, शीशु के 25 हजार, आंवला के 25 हजार, करंज के 25 हजार व अन्य प्रजाति के पौधें है।


-रोपणी में इस बार भी 4 लाख 75 हजार पौधे हमने तैयार किए है। जिसमें कई ऐसी प्रजातियां है जो आजकल विलुप्त हो रही है। बरसात आने पर तैयार पौधों को शासन के निर्देंशानुसार वितरण किया जाएगा।- विजय कुमार सोनी, उपवन क्षेत्रपाल, रोपणी प्रभारी बोरगांव बुजुर्ग।
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