रोपणी में पौधे तैयार करने की है यह व्यवस्थाएं
पौधों की तैयारी के दौरान जैविक खाद का उपयोग होता है और यह खाद तैयार करने के लिए रोपणी मे वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगा है। यूनिट मे गीले गोबर के साथ केंचुए रखे जाते है और खाद तैयार होता है। सिंचाई के लिए मोटर पंप संचालन के लिए बिजली के साथ दो सोलर सेट लगाए गए है। और इनका उपयोग कर मोटर पंप चला स्प्रिंकलर तकनीक से पौधों की सिंचाई होती है। कोरोना महामारी के दौरान यहां पहुंच रहे मजदूरों को रोपणी प्रभारी द्वारा सोशल डिस्टेंस रखने के साथ बार-बार हाथ धोने, फेस मास्क का उपयोग करने व सेनेटाइजर का उपयोग करने का प्रशिक्षण भी दिया गया है।
भीषण गर्मी में भी लहलहा रहे पौधें
वर्तमान में भीषण गर्मी के दौरान भी रोपणी मे तैयार पौधें लहलहा रहे है। यहां सिंचाई के लिए सुक्ता नदी, एक कुआ व एक नलकूप है। भीषण गर्मी से नदी में पानी सूख चुका है, कुएं व नलकूप का भी जल स्तर गिरने से पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। जहां गर्मी में जलस्तर गिरने से जलस्रोतों से पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है और किसान एक हेक्टेयर की फसल को बचाने में भी सफल नहीं है। वहीं विपरित परिस्थितियों के बाद भी रोपणी प्रभारी द्वारा मशक्कत कर अभी भी पौधों को हरा-भरा रखा गया है।
-सागौन के 55 हजार, चिरोल के 60 हजार, शीशु के 25 हजार, आंवला के 25 हजार, करंज के 25 हजार व अन्य प्रजाति के पौधें है।
-रोपणी में इस बार भी 4 लाख 75 हजार पौधे हमने तैयार किए है। जिसमें कई ऐसी प्रजातियां है जो आजकल विलुप्त हो रही है। बरसात आने पर तैयार पौधों को शासन के निर्देंशानुसार वितरण किया जाएगा।- विजय कुमार सोनी, उपवन क्षेत्रपाल, रोपणी प्रभारी बोरगांव बुजुर्ग।