कटनी, जहां नागरिको को जलापूर्ति का प्रमुख जरिया है कटनी नदी। नदी का रॉवाटर ही सप्लाई होता है। लेकिन कटनी नदी का जलस्तर क्रमशः नीचे जाने लगा है। लिहाजा भावी जलसंकट को भांपते हुए लोगों ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। नगर निगम ने भी कुछ कदम उठाए हैं जिसके तहत निगम ने कटनी नदी से होने वाली खेतों की सिंचाई को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है। वहीं कटनी में लगे उद्योगों को पानी की होने वाली सप्लाई पर पूरी रोक लगा दी गई है। साथ ही अन्य प्रयोजनों पर भी बुधवार को प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस बीच कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने तमाम संभावनाओं का आंकलन करते हुए आदेश जारी किए हैं।
बताया जा रहा है कि वर्तमान में कटनी नदी का बहाव शून्य हो गया है जिसके कारण कारण कटायेघाट बैराज और एनीकट के जलस्तर में गिरावट आ चुकी है। नगर में कम केम एक वक्त तो ठीक से पेयजल आपूर्ति हो सके इसी के तहत ऐसा किया जा रहा है। इस वर्ष अल्प वर्षा एवं ग्रीष्मकाल के मद्देनजर आगामी मानसून तक प्रतिदिन पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पूर्व वर्षो की भांति इस वर्ष भी कटनी नदी के अपस्ट्रीम में उपलब्ध जल के अतिरिक्त अन्य उपयोग (सिचाई, औधोगिक एवं अन्य प्रयोजन) पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट कटनी ने मप्र पेयजल परीक्षण अधिनियम 1985 की धारा-3 के अंतर्गत कटनी नदी के अपस्ट्रीम के जल के घरेलू उपयोग को छोडकर अन्य सिचाई, औधोगिक एवं अन्य प्रयोजन के लिए किन्ही भी साधनों द्वारा जल के अन्य उपयोग पर अस्थाई रूप से तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है।